फिक्स्ड डिपॉजिट सभी उम्र के लोगों और विशेष रूप से सीनियर सिटीज़न और युवा बच्चों के माता-पिता के लिए सबसे पसंदीदा इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें न्यूनतम जोखिम होता है और यह शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों तरह के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करता है.
सीनियर सिटीज़न, विशेष रूप से सेवानिवृत्त व्यक्ति, अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपने डिपॉजिट पर मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर ब्याज का लाभ उठा सकते हैं. एफडी ऑटो रिन्यूअल के विकल्प के साथ आती है जिसकी मदद से कस्टमर्स आसानी से अपने डिपॉजिट का रिन्यूअल कर सकते हैं. यह सुविधा शुरुआत में इन्वेस्ट किए गए पैसों को फिर से इन्वेस्ट करने की अनुमति देती है, जिससे कस्टमर्स को अपनी नियमित आय जारी रखने में मदद मिलती है. इसके साथ सीनियर सिटीज़न रिटायरमेंट के बाद के वर्षों में सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर पाते हैं.
आइए इसे उदाहरण से समझते हैं:
रिटायरमेंट के समय, रिटायर होने वाले अधिकांश व्यक्तियों को ग्रेच्युटी, प्रॉविडेंट फंड, एरियर आदि के रूप में एक बड़ी राशि प्राप्त होती है. जीवनभर की मेहनत से कमाए गए इन पैसों को जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने या सेविंग अकाउंट में जमा करने के बजाय, फिक्स्ड डिपॉजिट में रणनीतिक रूप से इन्वेस्ट करने पर आपको एक नियमित आय प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. मासिक आधार पर एक नियमित आय आपकी कुछ नियमित आवश्यकताओं और टाले न जा सकने वाले कुछ अप्रत्याशित खर्चों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकती है.
नीचे दिए गए उदाहरण में एक सीनियर सिटीज़न के बारे में बताया गया है, जिन्होंने ₹20 लाख के रिटायरमेंट कॉर्पस को एफडी में इन्वेस्ट करने की योजना बनाई है.
आइए देखते हैं कि इस इन्वेस्टमेंट के माध्यम से मासिक रूप से कितना पैसा कमाया जा सकता है:
ब्याज दर (आरओआई) |
8.4% p.a. |
|
Principal (INR) |
20,00,000 |
|
Term |
5 years |
|
अर्जित ब्याज (₹) |
कुल |
मासिक |
8,40,920 |
14,268* |
|
मेच्योरिटी की राशि (₹) |
20,00,000 |
*उल्लिखित राशि केवल उदाहरण के उद्देश्य के लिए है और ब्याज दर व चुनी गई अवधि के अनुसार अलग-अलग हो सकती है.
आपको संचयी डिपॉजिट के विकल्प भी मिलते हैं, जिसमें ब्याज को मूल राशि के साथ जोड़ दिया जाता है, जिससे इन्वेस्टर्स को मेच्योरिटी पर एक लंपसम राशि मिलती है.
माता-पिता अपने बच्चों के लिए उच्च शिक्षा, विवाह, नए कौशल का प्रशिक्षण आदि जैसे शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों और अप्रत्याशित खर्चों को पूरा करने के लिए राशि इन्वेस्ट कर सकते हैं. मेच्योरिटी की राशि की वास्तव में ज़रूरत कब है, इस आधार पर माता-पिता फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि चुन सकते हैं. अलग-अलग आवश्यकताओं के लिए एक से अधिक एफडी खोली जा सकती है, जैसे- उच्च शिक्षा के लिए 10 वर्ष में मेच्योर होने वाली एफडी, निकट भविष्य की आवश्यकताओं के लिए 2 या 3 वर्ष में मेच्योर होने वाली एक अन्य एफडी आदि.
म्यूचुअल फंड में किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट के विपरीत, एफडी में रिटर्न कम मिलने का जोखिम नहीं होता. एफडी खोलने के समय दी जाने वाली ब्याज दर मेच्योरिटी तक अपरिवर्तित रहेगी और आर्थिक उतार-चढ़ाव या कंपनी की पॉलिसी के आधार पर नहीं बदलेगी. उदाहरण के लिए, प्रति वर्ष 8% ब्याज पर खोली गई 2 वर्ष की एफडी पर, डिपॉजिट की पूरी अवधि के दौरान इसी दर पर ब्याज मिलता रहेगा.
इन कारणों से, आपकी फाइनेंशियल आवश्यकताओं के आधार पर, नियमित आय अर्जित करने या एक बड़ा कॉर्पस बनाने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प है, जो प्रत्याशित और अप्रत्याशित खर्चों को पूरा करने में भी आपकी मदद करता है.