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आप होम लोन लेते समय भ्रमित हो सकते हैं. क्या आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं? कोई परेशान होने की बात नहीं है! हम आपकी मदद करने के लिए यहां उपलब्ध हैं. पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में, हम होम फाइनेंस संबंधी सभी आपके प्रश्नों के लिए तेज़ी से समाधान प्रदान करने की कोशिश करते हैं.

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अब आप अपनी उंगलियों पर हमारे कस्टमर केयर समाधानों का लाभ उठा सकते हैं. आप दर में परिवर्तन और पार्ट-पेमेंट आदि जैसी विभिन्न प्रकार की सर्विसेज़ पूरी तरह से ऑनलाइन और ब्रांच में जाए बिना प्राप्त कर सकते हैं. हमारी सुरक्षित और विश्वसनीय ऑनलाइन सर्विसेज़ के साथ, आप अपने अधिकतम ट्रांज़ैक्शन पूर्ण विश्वास के साथ और बिना किसी चिंता के कर सकते हैं. इसलिए पीएनबी हाउसिंग के साथ आसान होम लोन का लाभ उठाने के लिए तैयार हो जाएं.

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दूसरा हाउस लोन उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं या अतिरिक्त आय प्राप्त करना चाहते हैं. हम किफायती ब्याज दरें और अधिक सुविधाजनक पात्रता आवश्यकताएं प्रदान करते हैं, और उधारकर्ता घर के निर्माण या खरीद मूल्य का 90% तक प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी और 24 के तहत दूसरे होम लोन पर टैक्स लाभ उपलब्ध हैं. सेक्शन 80सी मूलधन के भुगतान पर अधिकतम 1.5 लाख की कटौती की अनुमति देता है, जबकि सेक्शन 24 ब्याज भुगतान पर अधिकतम 2 लाख की कटौती की अनुमति देता है. दूसरे होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले, इन सुविधाओं की जटिलताओं को समझना और पात्रता निर्धारित करने के लिए ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करना महत्वपूर्ण है.

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होम लोन बैलेंस ट्रांसफर

होम लोन बैलेंस ट्रांसफर के तहत आपके बकाया बैलेंस को अनुकूल ब्याज दर के साथ पीएनबी हाउसिंग में ट्रांसफर किया जाता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, आपको निरंतर आय प्राप्त होती है और आपके पास पुनर्भुगतान का ट्रैक रिकॉर्ड व प्रॉपर्टी का पेपरवर्क है, तो आप मासिक भुगतान और संपूर्ण ब्याज पर पैसे बचा सकते हैं. इस प्रक्रिया में अप्लाई करना, पेपरवर्क सबमिट करना, फीस का भुगतान करना व अप्रूवल प्राप्त करना शामिल है.

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प्रॉपर्टी पर लोन

हम बिज़नेस विस्तार, शिक्षा, मेडिकल खर्च आदि जैसे मान्य उद्देश्यों के लिए अपनी ब्रांच लोकेशन में मौजूदा रेजिडेंशियल/कमर्शियल प्रॉपर्टी को मॉरगेज करने पर लोन प्रदान करते हैं. हम नॉन-होम लोन प्रोडक्ट, पूरे भारत में ब्रांच नेटवर्क, डोर-स्टेप सर्विसेज़, डिस्बर्समेंट के बाद बेहतरीन सर्विसेज़, प्रोफेशनल प्रोसीज़र और विभिन्न पुनर्भुगतान विकल्प प्रदान करते हैं. हमारी अनुभवी टीम लागत में वृद्धि के मामले में कस्टमर की संतुष्टि और लोन राशि में वृद्धि सुनिश्चित करती है.

डॉक्यूमेंट चेकलिस्ट
प्रोसेसिंग फीस
पात्रता मापदंड
प्रॉपर्टी पर लोन इंश्योरेंस/कस्टमर की सुरक्षा
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पीएनबी हाउसिंग

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ईएमआई कैलकुलेटर
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पात्रता कैलकुलेटर
हम इनकम, अवधि, मासिक कमाई के अन्य स्रोतों, पहले से मौजूद लोन और ईएमआई पर विचार करके आपकी पात्रता का मूल्यांकन करते हैं.
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यह कैलकुलेटर आपके द्वारा खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी की वैल्यू और आपकी पात्र होम लोन राशि की जानकारी पाने में मदद करता है.
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सरकारी लागत, स्टाम्प ड्यूटी और फीस सहित प्रॉपर्टी खरीदने की अन्य लागतों का अनुमान लगाता है.
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अपना क्रेडिट स्कोर चेक करें और जानें कि क्या आपको मार्केट में बेस्ट लोन दरें मिल सकती हैं.

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हमें आपकी सहायता करके खुशी होगी.

संजय वर्मा

सेल्स मैनेजर, पीएनबी हाउसिंग

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ऐस प्लेटफॉर्म पर होम लोन के लिए कैसे अप्लाई करें

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How to Apply for a Home Loan on the ACE platform

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

होम लोन के लिए अप्लाई करने की प्रक्रिया क्या है?

चरण 1:आवश्यक डॉक्यूमेंट के साथ अपनी लोन एप्लीकेशन सबमिट करें.

चरण 2:विभिन्न पात्रता और फंडिंग मानदंडों के आधार पर आपकी एप्लीकेशन का मूल्यांकन किया जाएगा.

चरण 3:लोन के मूल्य निर्धारण और प्रॉपर्टी की कानूनी मंज़ूरी के लिए कंपनी के प्रतिनिधि प्रोपर्टी की कीमत और स्वामित्व की जानकारी की जांच करनी होगी.

चरण 4: आंतरिक और नियामक दिशानिर्देशों के आधार पर, पीएनबी हाउसिंग लोन एप्लीकेशन को अप्रूव या रिजेक्ट कर सकता है.

चरण 5: इसमें एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने, रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी पेपर जमा करने और पोस्ट-डेटेड चेक/ईसीएस जमा करने के साथ-साथ ओरिजिनल प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट जमा करना होता है.

चरण 6:सभी डॉक्यूमेंट सही होने पर, पीएनबी हाउसिंग निर्माण की प्रगति के आधार पर डेवलपर/कॉन्ट्रैक्टर को लोन राशि डिस्बर्स करेगा. ईएमआई/ प्री-ईएमआई लोन के डिस्बर्समेंट के बाद शुरू होगी.

क्या मैं होम लोन के लिए पात्र हूं?

अगर आप भारतीय नागरिक हैं या भारतीय मूल के व्यक्ति हैं और वेतनभोगी/स्व-व्यवसायी प्रोफेशनल/बिज़नेसमैन हैं, तो आप लोन के लिए पात्र हैं. आपकी लोन पात्रता पीएनबी एचएफएल द्वारा प्रोफेशनल इनकम, आयु, योग्यताएं, आश्रितों की संख्या, को-एप्लीकेंट की आय, एसेट, देयताएं, व्यवसाय की स्थिरता और निरंतरता, सेविंग्स और आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर निर्धारित की जाएगी. इसके अलावा, लोन की पात्रता प्रॉपर्टी की कीमत पर भी निर्भर होगी.

प्रॉपर्टी की कीमत का कितना प्रतिशत फंड किया जा सकता है?

होम लोन के मामले में प्रॉपर्टी की वैल्यू का 90% तक और प्रॉपर्टी पर लोन के मामले में 60% तक फंड प्राप्त हो सकता है. हालांकि पीएनबी एचएफएल फंडिंग मानदंड, समय-समय पर और प्रॉपर्टी के अनुसार या लोन राशि के आधार पर बदल सकते हैं.

मैंने 3 महीने पहले एक प्रॉपर्टी खरीदी थी; क्या इस पर होम लोन लिया जा सकता है?

हां, आप प्रॉपर्टी खरीदने की तिथि से 6 महीनों के भीतर लागू होम लोन दर पर री-फाइनेंस करा सकते हैं.

ईएमआई और प्री-ईएमआई क्या है?

आपका लोन समान मासिक किश्तों (ईएमआई) के माध्यम से चुकाया जाता है, जिसमें मूलधन और ब्याज, दोनों शामिल होते हैं. ईएमआई का पुनर्भुगतान, अंतिम डिस्बर्समेंट के महीने के बाद के महीने से शुरू होता है. प्री-ईएमआई ब्याज, एक आसान ब्याज है, जो लोन राशि पूरी तरह से डिस्बर्स नहीं होने तक हर महीने देय होता है.

पीएनबी हाउसिंग में एफडी अकाउंट कौन खोल सकते हैं?

फिक्स्ड डिपॉजिट को निवासी व्यक्ति/एचयूएफ/पब्लिक/प्राइवेट कंपनियों/नॉन-रेजिडेंट इंडियन/को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़/को-ऑपरेटिव बैंक/ट्रस्ट/एसोसिएशन ऑफ पर्सन, पीएफ ट्रस्ट आदि खोल सकते हैं.

डिपॉजिट कैसे बनाया जाता है?

संभावित डिपॉजिटर को सभी केवाईसी डॉक्यूमेंट के साथ निर्धारित "डिपॉजिट एप्लीकेशन फॉर्म" भरना होगा और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पक्ष में अकाउंट पेई चेक/डिमांड ड्राफ्ट/एनईएफटी/आरटीजीएस जमा करना होगा. डिपॉजिट एप्लीकेशन सभी पीएनबी हाउसिंग ब्रांच और अधिकृत ब्रोकर के पास उपलब्ध हैं. डिपॉजिट फॉर्म कंपनी की इस वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं – www.pnbhousing.com.

क्या प्रॉपर्टी का इंश्योरेंस होना आवश्यक है?

लोन की अवधि के दौरान, भूकंप, आग, या अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं से होने वाली हानि से बचाव के लिए, प्रॉपर्टी का इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य है.

पीएनबी हाउसिंग में न्यूनतम कितनी राशि से एफडी बनाई जा सकती है?

संचयी डिपॉजिट – ₹ 10000
गैर-संचयी डिपॉजिट
मासिक इनकम प्लान – ₹100000
त्रैमासिक इनकम प्लान – ₹50000
अर्धवार्षिक इनकम प्लान – ₹20000
वार्षिक इनकम प्लान – ₹20000

कस्टमर कितनी अवधि के लिए एफडी अकाउंट खोल सकते हैं?

अगर कस्टमर एक निवासी भारतीय व्यक्ति/संस्था/ट्रस्ट है, तो न्यूनतम अवधि 1 वर्ष है और अधिकतम अवधि 10 वर्ष है.

क्या कस्टमर को पीएनबी हाउसिंग में डिपॉजिट करने पर कोई रसीद मिलेगी?

हां, पीएनबी हाउसिंग कस्टमर के डिपॉजिट किए गए पैसे की एफडी के लिए रसीद जारी करता है.

क्या सभी डिपॉजिटर्स के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है?

हां.

नो योर कस्टमर (केवाईसी) अनुपालन की चेकलिस्ट क्या है?

मनी लॉन्डरिंग रोकथाम अधिनियम 2002 के संदर्भ में, इसके तहत दर्ज नियमों और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा जारी किए गए केवाईसी दिशानिर्देशों के तहत, प्रत्येक डिपॉजिटर को निम्नलिखित डॉक्यूमेंट सबमिट करके केवाईसी आवश्यकताओं का पालन करना होगा:

  • लेटेस्ट फोटो.
  • पैनकार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि जैसी पहचान प्रमाणपत्र की प्रमाणित कॉपी.
  • पते के प्रमाणपत्र की प्रमाणित कॉपी, कॉर्पोरेट के लिए निगमन प्रमाणपत्र, पैनकार्ड रजिस्ट्रेशन संख्या/ट्रस्ट डीड है.
क्या पीएनबी एचएफएल फिक्स्ड डिपॉजिट की सुरक्षा पर पीएनबी एचएफएल से लोन प्राप्त किया जा सकता है?

हां, लोन सुविधा पीएनबी हाउसिंग के विवेकाधिकार पर उपलब्ध है, जिसका लाभ डिपॉजिट की तिथि से तीन महीनों के बाद और डिपॉजिट राशि का 75% तक लिया जा सकता है, जो कुछ नियम और शर्तों के अधीन है. ऐसे लोन पर ब्याज दर डिपॉजिटर को भुगतान किए जाने वाले डिपॉजिट पर ब्याज दर से 2% अधिक होगी.

मोराटोरियम अवधि का क्या मतलब है?

मोराटोरियम का अर्थ होता है, भुगतान में रियायत. इसका मतलब यह है कि मोराटोरियम की अवधि के दौरान कस्टमर द्वारा लेंडिंग संस्थान (पीएनबीएचएफएल) को कोई भुगतान नहीं करना है. मोराटोरियम अवधि के लिए जमा ब्याज मोराटोरियम अवधि की समाप्ति के बाद देय होगा. इस प्रकार यह भुगतान स्थगित करने की प्रक्रिया है.

मोराटोरियम को बढ़ाने का मुख्य प्रभाव क्या होगा?

सभी लोन कस्टमर्स अब अगस्त 2020 तक देय ईएमआई पर मोराटोरियम का लाभ उठा सकते हैं. अगर कस्टमर को जून, जुलाई, अगस्त 2020 की ईएमआई का भुगतान नहीं करना है, तो पुनर्भुगतान सितंबर 2020 से शुरू होगा :

  • वे कस्टमर्स, जिन्होंने मोराटोरियम 1.0 के दौरान मोराटोरियम का लाभ ले लिया है और मार्च और/या अप्रैल और/या मई की ईएमआई का भुगतान नहीं किया है, तो वे मोराटोरियम को बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं और जून, जुलाई, अगस्त 2020 की ईएमआई का भुगतान नहीं करने की सुविधा पा सकते हैं ;
  • 20 मई 2020 तक मोराटोरियम 1.0 का लाभ नहीं उठाने वाले कस्टमर्स नए मोराटोरियम का लाभ उठा सकते हैं और जून, जुलाई और अगस्त 2020 की ईएमआई का भुगतान नहीं करने की सुविधा का लाभ पा सकते हैं ;

कृपया ध्यान दें कि मोराटोरियम 1.0 की तरह, मोराटोरियम का विस्तार का अर्थ "ईएमआई की छूट" नहीं है, क्योंकि ब्याज भुगतान न किए गए मूलधन पर बढ़ता रहेगा. इस अवधि के ब्याज को बकाया मूलधन में जोड़ा जाएगा और सितंबर 2020 से बढ़ी हुई मूलधन पर संशोधित ईएमआई देय होगी.

लोन की शर्तों पर मोराटोरियम का क्या प्रभाव पड़ता है?

लोन की शर्तों पर प्रभाव नीचे दिया गया है:

  • मोराटोरियम की अवधि के लिए ब्याज को मूलधन में जोड़ा जाएगा ;
  • लोन की बाकी अवधि, लाभ लिए गए मोराटोरियम की अवधि तक बढ़ जाएगी. जिन कस्टमर्स ने पहले 3 महीने का मोराटोरियम लिया था और उनके लिए इसे अन्य 3 महीने तक बढ़ाया जाएगा, उनके लिए बाकी अवधि 6 महीने तक बढ़ जाएगी. जो कस्टमर अभी मोराटोरियम लेते हैं, उनके लिए मोराट अवधि 3 महीने के लिए होगी और इसी तरह अवधि भी 3 महीने तक बढ़ा दी जाएगी ;
  • नई ईएमआई की गणना बढ़ी हुई पीओएस (पॉइंट (a) ऊपर) और बाकी अवधि (b) ऊपर) पर की जाएगी. नई ईएमआई सितंबर 2020 से शुरू होगी ;

आईबीए और आरबीआई द्वारा जारी "ब्याज पर ब्याज रिफंड" दिशानिर्देश क्या हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2021 के एक निर्णय में यह निर्देश दिया कि मोराटोरियम अवधि के दौरान लोन पर लिया गया कंपाउंड/दंड ब्याज रिफंड किया जाए. इसके अनुसार, आरबीआई ने मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक मोराटोरियम अवधि का लाभ उठाने वाले लोन अकाउंट पर लिए गए कंपाउंड और साधारण ब्याज के बीच अंतर को रिफंड करने के लिए फाइनेंशियल संस्थानों को निर्देशित दिया. इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने अप्रैल 21 को विस्तृत दिशानिर्देश निर्धारित किए, जिनका संस्थानों को पालन करना होगा.

मार्च 2020 में आरबीआई द्वारा घोषित कोविड-19 पैकेज के भाग के रूप में (और विस्तारित मई
2020), जिन कस्टमर्स के पास 29 फरवरी 2020 को बकाया लोन था और जो 29 फरवरी 2020 को 90 डीपीडी से कम था, उन्हें 6 महीने की कुल अवधि के लिए, यानी मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक पुनर्भुगतान से एकमुश्त स्थगन की राहत दी गई थी. मोराटोरियम अवधि के दौरान, कस्टमर को लेंडर को कोई भी भुगतान करने से छूट दी गई थी. मोराटोरियम के दौरान, लेंडर ने मासिक आधार पर देय ब्याज को कम्पाउंड किया. इस प्रकार, मोराटोरियम अवधि के अंत में, बकाया लोन में, मोराटोरियम की शुरुआत में बकाया मूलधन और उस महीनों के लिए उस पर निर्धारित कंपाउंड ब्याज शामिल था, जिसके लिए मोराटोरियम का लाभ लिया गया था, जिसे "ब्याज पर ब्याज" के रूप में जाना जाता है - जो साधारण ब्याज और मोराटोरियम अवधि के दौरान लिए गए कंपाउंड ब्याज के बीच का अंतर है.

पीएनबीएचएफएल ने भी मोराटोरियम का लाभ उठाने वाले कस्टमर के लिए मोराटोरियम अवधि के लिए ब्याज लगाया था. इस निर्णय के अनुसार ब्याज पर ब्याज को रिफंड कर दिया जाएगा.

आरबीआई के सर्कुलर के तहत कौन से लोन/सुविधाएं रिफंड के लिए पात्र हैं?

सभी "स्टैंडर्ड अकाउंट" को राहत मिलेगा. इस उद्देश्य के निर्धारण की तिथि 29 फरवरी, 2020 है. अर्थात, 29.02.2020 (“पात्र अकाउंट”) के अनुसार, पिछले देय (डीपीडी) की स्थिति 90 डीपीडी से कम होनी चाहिए.
आरबीआई सर्कुलर के तहत ये अकाउंट राहत के पात्र नहीं हैं:

  • 29 फरवरी 2020 को एनपीए के रूप में वर्गीकृत अकाउंट ;
  • लोन, जिन पर साधारण ब्याज लागू था;
  • नवंबर'20 की एक्स-ग्रेशिया स्कीम के अनुसार अकाउंट में ब्याज पर ब्याज पहले ही रिफंड कर दिया गया है* ;

इसलिए,

  • अब रिफंड उन लोन अकाउंट (29.02.2020 के अनुसार स्टैंडर्ड) में दिया जाएगा , जो अक्टूबर-नवंबर 2020 की एक्स-ग्रेशिया 1 स्कीम से शामिल नहीं हुए थे. इसमें शामिल होंगे ;
    • सभी लोन* ( स्टैंडर्ड 29.02.2020 से प्रभावी) जहां एक्सपोजर (डिस्बर्समेंट) > ₹ 2 करोड़ था.
    • All Loans* (standard as on 29.02.2020) where the exposure (disbursement) was<= INR 2 crore but the market exposure (basis CIBIL) was > INR 2crores.

    * रिटेल और कॉर्पोरेट फाइनेंस, दोनों लोन पात्र होंगे

  • लोन, चाहे वे मोराटोरियम का लाभ उठाए हों या नहीं उठाए हों, इसके लिए पात्र होंंगे. हालांकि, ब्याज पर ब्याज केवल तभी रिफंड किया जाएगा, जब ब्याज लिया गया हो. पीएनबीएचएफएल पर लागू नहीं है, क्योंकि ऐसे मामलों में ब्याज पर कोई ब्याज नहीं लिया गया था.
अगर कोई एक्सपोजर 29 फरवरी 2020 को स्टैंडर्ड था, लेकिन अगले कुछ महीनों में एनपीए बन गया, तो क्या रिफंड प्रोसेस किया जाएगा?

हां, क्योंकि लोन 29/02/2020 को स्टैंडर्ड (एनपीए नहीं) था और मोराटोरियम का लाभ उठाया था, इसलिए यह ब्याज पर ब्याज के रिफंड के लिए पात्र होगा, चाहे वह बाद में एनपीए बन गया हो.

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