कोई भी कर्ज़ में नहीं रहना चाहता, मौका मिलने पर हम सभी अपने सभी कर्ज़ों का भुगतान जल्द से जल्द कर देना चाहते हैं. हालांकि, होम लोन का प्रीपेमेंट अन्य लोन के प्रीपेमेंट से काफी अलग होता है. होम लोन के कई लाभ होते हैं, जो प्रीपेमेंट को अनाकर्षक बना सकते हैं. आप प्रीपेमेंट द्वारा कुछ ईएमआई बचा सकते हैं, लेकिन इसके कारण आप संबंधित टैक्स लाभ, इन्वेस्टमेंट लाभ आदि खो सकते हैं. साथ ही आपको अपने होम लोन के लिए प्रीपेमेंट फीस भी देनी होगी.
होम लोन के प्रीपेमेंट के शुल्क क्या हैं?
होम लोन प्रीपेमेंट तब होता है, जब उधारकर्ता पूर्व निर्धारित अवधि से पहले ही अपने लोन के पूरे या एक बड़े हिस्से का पुनर्भुगतान कर देता है. फाइनेंशियल संस्थान प्रीपेमेंट पर एक शुल्क लेते हैं ; आपको हस्ताक्षर करने से पहले लोन संबंधी सभी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ना चाहिए. ये प्रीपेमेंट ब्याज दर और कस्टमर के प्रकार पर निर्भर करते हैं. उदाहरण के लिए, अगर ब्याज दर वेरिएबल या परिवर्तनशील है, तो फाइनेंशियल संस्थान व्यक्तिगत लोन एप्लीकेंट पर प्रीपेमेंट शुल्क नहीं लगाते हैं. लेकिन, फिक्स्ड ब्याज दर वाले होम लोन पर यह शुल्क लगाया जाता है.
फीस का मूल्यांकन इस आधार पर भी किया जाता है कि प्रॉपर्टी का स्वामित्व किसके पास है, अर्थात जब बात गैर-व्यक्तिगत बनाम व्यक्तिगत स्वामित्व की आती है, तब गैर-व्यक्तिगत स्वामित्व में फ्लोटिंग और फिक्स्ड दोनों ब्याज दरों पर दंड लगाया जाता है.
होम लोन का प्रीपेमेंट करने के लाभ
- आप भविष्य में विलंबित या विफल ईएमआई भुगतान की घटनाओं से बचते हैं
समय बीतने के साथ फाइनेंशियल दायित्व बढ़ जाते हैं. होम लोन का प्रीपेमेंट करने से यह होता है कि आपको उसकी ईएमआई का भुगतान करने के लिए अपनी बचत खर्च नहीं करनी पड़ती है. इसलिए, जब भी संभव हो, आंशिक या पूरी तरह से प्री-पे करने की सलाह दी जाती है. - यह ब्याज भुगतान को कम करता है
आंशिक प्रीपेमेंट मूल राशि को कम करता है, जिससे ब्याज का बोझ कम हो जाता है और भविष्य की ईएमआई भी घट जाती है. क्योंकि होम लोन के शुरुआती चरण के दौरान ईएमआई में ब्याज का घटक सबसे अधिक होता है, इसलिए अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए जल्दी पुनर्भुगतान करना बेहतर होता है. - यह होम लोन की अवधि को कम करता है
फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा कस्टमर्स को आमतौर पर अपनी ईएमआई को कम करने या अपने होम लोन की अवधि को कम करने का विकल्प दिया जाता है. यह कस्टमर पर निर्भर करता है कि वे कौन सा विकल्प चुनना चाहते हैं.
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होम लोन का प्रीपेमेंट करने के नुकसान
- टैक्स लाभ नहीं मिलेंगे
फाइनेंशियल सहायता प्रदान करने के अलावा, होम लोन आपको टैक्स पर पैसे बचाने में भी मदद कर सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अनुसार, आप मूल राशि के पुनर्भुगतान पर ₹1.5 लाख तक और ब्याज के भुगतान पर ₹2 लाख तक की टैक्स छूट के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अगर आप अपने होम लोन को प्री-पे करते हैं, तो आप पैसे बचाने का यह अवसर खो सकते हैं. - कम बचत
प्रीपेमेंट करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपके पास अन्य फाइनेंशियल लक्ष्यों और एमरजेंसी स्थितियों के लिए पर्याप्त राशि अलग से उपलब्ध हो, अन्यथा बचत की कमी के कारण आपको अन्य लक्ष्यों से समझौता करना पड़ सकता है. - इन्वेस्टमेंट के अन्य अवसरों को खोना
जब कस्टमर होम लोन का प्रीपेमेंट करते हैं, तब वे उस ब्याज या लाभ को खो देते हैं, जिसे इन पैसों को इन्वेस्टमेंट के अन्य उपलब्ध अवसरों में इन्वेस्ट करके अर्जित किया जा सकता था. अगर, इन्वेस्टमेंट पर अपेक्षित रिटर्न मॉरगेज पर ब्याज की प्रभावी दर से अधिक है, तो अतिरिक्त पैसों को इन्वेस्ट करना, लोन का प्रीपेमेंट करने की तुलना में अधिक लाभदायक होगा.
निष्कर्ष
यूं तो कर्ज़ को कम करना लाभदायक है, किंतु कर्ज़ के प्रति बहुत ज़्यादा द्वेष रखना भी ठीक नहीं है. याद रखें, होम लोन का प्रीपेमेंट करने की जल्दबाजी में, लिक्विडिटी से समझौता न करें. आपके पास अपनी एमरजेंसी की आवश्यकताओं व अन्य फाइनेंशियल दायित्वों के लिए पर्याप्त पैसे होने चाहिए.