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प्रॉपर्टी पर लोन क्या है? महत्वपूर्ण बातें, जो आपको जानना ज़रूरी है

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प्रॉपर्टी पर लोन (एलएपी) एक सिक्‍योर्ड लोन है जो बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और एनबीएफसी हाउसिंग या कमर्शियल प्रॉपर्टी पर प्रदान करते हैं. ये लोन आमतौर पर पर्सनल लोन या बिज़नेस लोन की तुलना में कम ब्याज दर पर दिए जाते हैं और उचित समय पर डिस्‍बर्स किए जाते हैं. पूर्व-स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी वाला कोई भी व्यक्ति ऐसे लोन का लाभ उठा सकता है चाहे वे वेतनभोगी हों या किसी बिज़नेस या प्रोफेशनल सेटअप के साथ स्व-व्यवसायी हों. स्वीकृत लोन की रा‍शि भी अन्य उपलब्ध विकल्पों में प्रदान की जाने वाली राशि से अधिक होती है.

3 प्राथमिक कारण जिनकी वजह से लोगों के बीच एलएपी की मांग बढ़ रही है:

  1. यह पर्सनल लोन से सस्ता होता है ;
  2. लोन प्राप्त करने के बाद भी एप्लीकेंट अपनी प्रॉपर्टी पर अधिकार बनाए रख सकते हैं ;
  3. लोन का उपयोग कई चीज़ों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि अप्रत्याशित मेडिकल खर्चों के लिए, बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी के लिए या बिज़नेस सेटअप करने के लिए.

इसके अलावा, बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के मौजूदा कस्टमर को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रोसेस के माध्यम से दोबारा जाने की आवश्यकता नहीं है.

प्रॉपर्टी पर लोन बिज़नेस मालिकों और वेतनभोगी कर्मचारियों दोनों के लिए एक वरदान है. स्व-व्यवसायी लोग जो अपने बिज़नेस के विस्तार के लिए फंड चाहते हैं, इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं. अचानक मेडिकल संकट का सामना करने वाले वेतनभोगी प्रोफेशनल, जिनके लिए महंगी सर्जरी सहित लॉन्ग-टर्म ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है, या उच्च अध्ययन के लिए विदेशी विश्वविद्यालय में बच्चों को भेजने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. एलएपी न केवल अपनी बचत को बनाए रखता है, बल्कि यह पुनर्भुगतान अवधि के साथ 15 से 20 वर्ष तक की कम लागत वाली ईएमआई पर भी आता है. ऐसे लोन पर कम ब्याज दरें पुनर्भुगतान के बोझ को कम करती हैं.

जरुर पढ़ा होगा: प्रॉपर्टी पर लोन बनाम पर्सनल लोन - कौन सा बेहतर है?

ये सभी और अन्य लाभ बिज़नेस की वृद्धि में मदद करते हैं या लोन एप्लीकेंट के साथ-साथ उसके परिवार के फाइनेंशियल भविष्य को सुरक्षा प्रदान करते हैं. प्रॉपर्टी पर लोन प्राप्त करने के लिए एकमात्र मानदंड यह है कि लोन मान्य उद्देश्य के लिए प्राप्त किया जाना चाहिए.

मौजूदा कस्टमर के लिए अपनी प्रॉपर्टी पर लोन प्राप्त करना अपेक्षाकृत आसान है, लेकिन नए कस्टमर को आवश्यक डॉक्यूमेंट के साथ-साथ क्रेडिट हिस्ट्री, पुनर्भुगतान क्षमता और मॉरगेज की जाने वाली प्रॉपर्टी की बिकने की योग्यता प्रस्तुत करनी होगी.

मौजूदा कस्टमर 'टॉप-अप' लोन के लिए भी अप्लाई कर सकता है, लेकिन यह पहले से मौजूद होम लोन के पुनर्भुगतान इतिहास और उस लोन पर बकाया राशि, मासिक आय और लोन टू प्रॉपर्टी वैल्यू रेशियो जैसे कारकों पर निर्भर करेगा. हालांकि, फिर से प्रॉपर्टी मूल्यांकन आवश्यक नहीं होती है क्योंकि प्रॉपर्टी पहले से ही लेंडर के पास गिरवी रखी है.

प्रॉपर्टी पर लोन के 5 पहलू जिन्हें एप्लीकेंट को जानना चाहिए

1. लोन पुनर्भुगतान में मदद मिलेगी:

प्रॉपर्टी पर मिलने वाली लोन की राशि अधिक होती है, इसलिए ज़रूरी है कि उधारकर्ता संपूर्ण लोन का भुगतान करने के लिए आवश्यक आय मानदंड को पूरा करें. यह राशि 12 महीने की अवधि से लेकर 20 वर्ष के भीतर चुकाई जा सकती है, हालांकि इसकी अवधि अलग-अलग लेंडर के पास अलग-अलग हो सकती है.

2. प्रॉपर्टी का मूल्यांकन:

प्रॉपर्टी पर लोन कोलैटरल पर प्रदान किया जाता है; यानी, निर्मित रेजिडेंशियल/कमर्शियल प्रॉपर्टी जैसी स्थावर प्रॉपर्टी . लोन की पात्रता और राशि निर्धारित करने से पहले, आपका लेंडर आपकी प्रॉपर्टी का मूल्यांकन करेगा. यह राशि प्रचलित उचित बाजार मूल्य पर निर्भर करेगी, न कि पिछले या संभावित भविष्य मूल्य पर. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां आमतौर पर प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू का 50-60 प्रतिशत तक प्रदान करती हैं. इसलिए, आपको अपने लेंडर द्वारा प्रदान किए गए लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेशियो का विश्लेषण करना चाहिए.

जरुर पढ़ा होगा: प्रॉपर्टी पर लोन को कैसे सुरक्षित करें

3. प्रॉपर्टी का स्वामित्व:

लेंडर केवल तब लोन अप्रूव करेंगे, जब वे इस बात को लेकर सुनिश्चित हो जाएंगे कि आपकी प्रॉपर्टी आपके स्वामित्व में है और ये बिक्री योग्य है. इसके अलावा, सह-मालिकों को लोन का हिस्सा बनने और मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता होती है.

4. अवधि:

पर्सनल लोन की तुलना में किसी भी प्रॉपर्टी पर लोन की पुनर्भुगतान अवधि लंबी होती है. ईएमआई कई वर्षों चलती रहती है और ब्याज दर बहुत कम होती है. लंबी अवधि का मतलब है कम ईएमआई, जो मासिक पुनर्भुगतान के बोझ को कम करता है.

5. पुनर्भुगतान क्षमता:

लेंडर आपकी इनकम स्टेटमेंट, पुनर्भुगतान इतिहास, चल रहे लोन आदि की मदद से आपकी पुनर्भुगतान क्षमता का मूल्यांकन करेगा.

संक्षेप में, प्रॉपर्टी पर लोन अधिक सुविधा, कम ब्याज़ दरें, अधिक लोन राशि और लंबी प्रॉपर्टी पर लोन बिज़नेस मालिकों और वेतनभोगी कर्मचारियों दोनों के लिए एक वरदान है. स्व-व्यवसायी लोग जो अपने बिज़नेस के विस्तार के लिए फंड चाहते हैं, इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं. अचानक मेडिकल संकट का सामना करने वाले वेतनभोगी प्रोफेशनल, जिनके लिए महंगी सर्जरी सहित लॉन्ग-टर्म ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है, या उच्च अध्ययन के लिए विदेशी विश्वविद्यालय में बच्चों को भेजने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. एलएपी न केवल अपनी बचत को बरकरार रखता है, बल्कि यह पुनर्भुगतान अवधि और अंतिम उपयोग की व्यवहार्यता के साथ कम लागत वाली ईएमआई पर भी आता है. जबकि इस प्रकार के लोन के लॉन्ग-टर्म लाभ इसे पर्सनल लोन की तुलना में बेहतर विकल्प बनाते हैं, यह ध्‍यान में रखना महत्वपूर्ण है कि अगर उधारकर्ता पुनर्भुगतान में चूक करता है, तो प्रॉपर्टी पर उसके अधिकार लेंडर को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं.

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