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क्या होम लोन चुनते समय केवल ब्याज दर ही देखनी चाहिए?

आजकल होम लोन प्रदाताओं की कोई कमी नहीं है. बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और एनबीएफसी लगातार अपनी होम लोन सर्विसेज़ को पिच करने की कोशिश कर रही हैं, जिसके कारण कस्टमर के लिए सही संस्थान चुनना मुश्किल हो गया है. आपके लिए बहुत सारे विकल्प होते हैं, इसलिए केवल एक ही चीज़ - ब्याज दर के आधार पर होम लोन प्रदाताओं में से किसी को चुनना आकर्षक हो सकता है. ब्याज दर के आधार पर चुनने के अपने लाभ हैं: इसकी तुलना सभी प्रदाताओं में की जा सकती है, जो कस्टमर एक समान आधार पर फाइनेंशियल संस्थानों के लिए निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, और यह उपयोगी भी है ; ब्याज दर निर्धारित करती है कि आपको अंततः कितना पैसा वापस करना होगा.

लेकिन केवल सबसे कम ब्याज दर वाले होम लोन प्रदाता को चुनना ही सबसे बेहतर निर्णय नहीं होता है. आमतौर पर होम लोन लाखों रुपयों वाली बड़ी फाइनेंशियल प्रतिबद्धताएं होती हैं, जिसकी अवधि कई सालों तक होती हैं. इसलिए, कस्टमर को होम लोन पार्टनर का निर्णय लेते समय अन्य कारकों को भी अच्छी तरह से देखना चाहिए.

होम लोन लेते समय ध्यान में रखी जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें:

1. लोन की अवधि:

लोन की अवधि, या राशि, जिसके लिए आप लोन चुकाते हैं, वह अलग-अलग फाइनेंशियल संस्थानों में महत्वपूर्ण रूप से अलग-अलग हो सकता है. कम अवधि रखने पर कुल लागत कम हो जाती है, लेकिन इसमें मासिक ईएमआई अधिक हो जाती है. आमतौर पर, एक ऐसा फाइनेंशियल संस्थान चुनने की सलाह दी जाती है, जो लंबी अवधि प्रदान करे, क्योंकि यह आपके मासिक बोझ को कम करता है, जिससे आपके पास अन्य ज़रूरतों के लिए अधिक पैसे बचते हैं.

जरुर पढ़ा होगा: होम लोन की पुनर्भुगतान अवधि क्या होती है?

2. फिक्स्ड दर या फ्लोटिंग दर:

होम लोन की या तो एक फिक्स्ड दर हो सकती है, जो लोन वितरित होने से पहले निर्धारित की जाती है, या फ्लोटिंग दर, जो ब्याज दरों के बदलने पर बदलती है. संभव है कि लोन लेते समय फ्लोटिंग दर का लोन सस्ता दिखाई देता हो और लोन का पूरी तरह से भुगतान होने तक यह महंगा हो जाए. इसलिए, फिक्स्ड दर लोन या फ्लोटिंग दर लोन का निर्णय लेने से पहले ब्याज दर में बदलाव के बारे में कस्टमर्स को ठीक से विचार करना अच्छा रहेगा.

3. पात्रता और लोन की राशि:

विभिन्न होम लोन प्रदाताओं के लिए अधिकतम पात्रता राशि अलग-अलग हो सकती है. आपकी फाइनेंशियल आवश्यकताओं को पूरा करने वाले लोन का चुनाव करना बुद्धिमानी होगी. इससे विभिन्न संस्थानों से उधार लेने की अपेक्षा अग्रिम रूप से अधिक धन जुटाने और सस्ता लोन चुनने में भी मदद मिल सकती है. आप पत्नी, माता-पिता या पुत्र जैसे को-एप्लीकेंट को जोड़कर भी काफी हद तकअपनी पात्रता बढ़ा सकते हैं.

4. प्रीपेमेंट पॉलिसी:

इन पॉलिसीज़ को मुख्य रूप से नियामक इकाइयों द्वारा नियंत्रित किया जाता है. कुछ होम लोन प्रदाता उधारकर्ताओं को अपनी लोन राशि का प्रीपेमेंट करने की अनुमति नहीं देते हैं, या अगर उधारकर्ता अपनी देय तिथि से पहले अपने लोन का प्रीपेमेंट करना चाहते हैं, तो उनसे एक शुल्क लेते हैं. यह स्थिति उधारकर्ताओं को परेशान कर सकती है क्योंकि अगर लोन की अवधि के दौरान उन्हें अप्रत्याशित रूप से कुछ कैश प्राप्त होता है, तो भी वे अपने लोन का प्रीपेमेंट नहीं कर पाएंगे और उन्हें लोन की पूरी अवधि के लिए ब्याज चुकाते रहना होगा. लेकिन, कुछ लोन प्रदाता उधारकर्ताओं को अपनी मर्जी से कभी भी लोन का प्रीपेमेंट करने की अनुमति देते हैं — उदाहरण के लिए, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस उधारकर्ताओं को कुछ शर्तों के अधीन यह सुविधा देता है कि जब भी उनकी मर्जी हो, वे अपने लोन का प्रीपेमेंट कर सकते हैं.

5. कस्टमर के अनुकूल विशेषताएं:

अब कंपनियों और उनके द्वारा अपने लोन के साथ प्रदान की जाने वाली विशेषताओं में कई तरह के अंतर होते हैं. कुछ फाइनेंशियल संस्थानों के पास मोबाइल ऐप और कस्टमर के लिए समर्पित प्रतिनिधि होते हैं ; अन्य के पास ऐसी लोन प्रक्रियाएं हो सकती हैं, जिनमें दशकों से कोई बदलाव नहीं किया गया है. आधुनिक सेवाओं वाले सर्विस प्रदाता डोरस्टेप सर्विसेज़, कस्टमर्स के लिए कई फिज़िकल और डिजिटल टचपॉइंट, लोन अकाउंट से संबंधित जानकारी, आईटी प्रमाणपत्र और अन्य महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट एक बटन की क्लिक पर प्रदान करते हैं. आपके होम लोन प्रदाता के साथ आपकी रिलेशनशिप कई सालों तक जारी रहती है - तो इन अन्य विशेषताओं पर विभिन्न कंपनियों की रेटिंग को चेक करना बुद्धिमानी होगी.

6. प्रोडक्ट की विशेषताएं:

ऐसे फाइनेंशियल संस्थान भी हैं, जो मुख्य रूप से वेतनभोगी कस्टमर्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं, क्योंकि इन्हें 'कम जोखिम वर्ग' वाला माना जाता है. इसके बावजूद, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस जैसे संस्थान भी हैं, जो वेतनभोगी और स्व-व्यवसायी, दोनों के लिए विभिन्न विशेषताओं वाले प्रोडक्ट प्रदान करते हैं. हमने स्व-व्यवसायी कस्टमर्स की वास्तविक आय का आकलन करने और उसके अनुसार उनका मूल्यांकन करने की विशेषज्ञता विकसित की है. इसके साथ ही, अगर कस्टमर ने लोन राशि की पूरी पात्रता का लाभ नहीं उठाया है, तो फाइनेंशियल संस्थान मौजूदा लोन पर टॉप-अप सुविधा ऑफर करते हैं.

जरुर पढ़ा होगा: होम लोन लेने के लिए न्यूनतम कितना डाउन पेमेंट आवश्यक है?

7. पूरे भारत में नेटवर्क:

यह एक और कारण है कि क्यों किसी ऐसे संस्थान को चुनना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिसका नेटवर्क पूरे भारत में है. होम लोन का पुनर्भुगतान करने में 30 वर्ष तक का समय लग सकता है, और यह भी संभव है कि इस अवधि के दौरान उधारकर्ता अपने रहने के शहर में भी बदलाव करे. पूरे भारत में मौजूद फाइनेंशियल संस्थान के साथ जुड़ने से आप लोन कंपनी तक तुरंत पहुंच सकते हैं, फिर भले ही जीवन आपको कहीं भी क्यों न ले जाए. आपको अपने फाइनेंशियल पार्टनर से पूछना चाहिए कि क्या उनके पास लोन अकाउंट के लिए इंटर ब्रांच एक्सेस है, यानी क्या आपको अपनी होम ब्रांच शिफ्ट करने की या बिना किसी प्रतिबंध के अपने अकाउंट को किसी अन्य लोकेशन से एक्सेस करने की अनुमति होगी कि नहीं.

8. भरोसा और विश्वसनीयता:

होम लोन एक लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप है - लोन का पुनर्भुगतान करने में 30 वर्ष तक का लंबा समय लग सकता है. इसलिए एक ऐसी कंपनी और एक ऐसे ब्रांड का चुनाव करना सबसे अच्छा होता है, जिस पर आप विश्वास करते हों और जो भरोसेमंद हो. इससे सुनिश्चित होता है कि अपने लोन का भुगतान करने के बाद ही आपको न सिर्फ बिना किसी परेशानी के अपने घर के डॉक्यूमेंट आसानी से वापस प्राप्त हो जाएं, बल्कि होम लोन की ब्याज दरों और भुगतान के संबंध में आपके साथ डीलिंग भी अच्छी तरह से हो. पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस को हाउसिंग लोन को डिस्बर्स करते हुए अब 30 वर्ष हो चुके हैं, और कंपनी को बीएसई और एनएसई पर 2016 में लिस्टेड किया गया था. आप यहां हमारे होम लोन के बारे में अधिक जान सकते हैं.

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