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फ्रैंकिंग और स्टाम्पिंग - अंतर जानें?

किसी भी तरह का घर खरीदते समय, चाहे आप इसे अपने पैसों से खरीद रहे हों या फिर होम लोन के ज़रिए, आपको कुछ न कुछ फीस और टैक्स ज़रूर भरने पड़ते हैं, जैसे कि लोन की प्रोसेसिंग फीस या लेंडर द्वारा आपकी प्रॉपर्टी के तकनीकी रूप से मूल्यांकन के लिए लगने वाली लागत.

Other examples of such fees and taxes related to home purchase also include franking or stamping. Are they both the same things? No, not at all. That is just a misconception.

घर के खरीदार होने के नाते आपको इन दोनों के बीच का अंतर ज़रूर जानना चाहिए. इससे आपको अपने डॉक्यूमेंट और भुगतान को अच्छी तरह से मैनेज करने में मदद मिलेगी. इस ब्लॉग में हम आपको फ्रैंकिंग और स्टाम्पिंग के बीच के अंतर को विस्तारपूर्वक समझाएंगे.

फ्रैंकिंग या स्टाम्पिंग - क्या ये एक ही हैं?

स्टाम्पिंग और फ्रैंकिंग के बीच मुख्य अंतर यह है कि स्टाम्पिंग ड्यूटी के लिए किया जाने वाला भुगतान वह भुगतान होता है, जो यह साबित करता है कि आपकी प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट कानूनी रूप से सही हैं, वहीं फ्रैंकिंग वह प्रमाण होता है, जो यह दर्शाता है कि स्टाम्पिंग से संबंधित किसी भी तरह की ड्यूटी का भुगतान घर के खरीदार द्वारा किया गया है.

स्टाम्पिंग क्या है?

स्टैम्पिंग का मतलब होता है, घर खरीदने के दौरान आपकी प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट को मंजूरी देने के लिए सरकार को टैक्स का भुगतान करना. इन डॉक्यूमेंट में अक्सर सेल डीड, मॉरगेज पेपर या एसेट या प्रॉपर्टी का ट्रांसफर डॉक्यूमेंट शामिल होता है. स्टैम्पिंग प्रोसेस के भाग के रूप में, आपको अपनी प्रॉपर्टी खरीद को वैध बनाने के लिए स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होगा. ये करने के बाद आपको अपने सेल एग्रीमेंट पर एक स्टाम्प मिल जाता है. स्टाम्प किए गए प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट कानूनी होते हैं.

  • फीस का प्रकार
    • स्टाम्प ड्यूटी, आपके प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट को वैध बनाने के लिए भुगतान किया जाने वाला टैक्स है. यह एक कन्फर्मेशन है कि आपकी प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट वैध हैं.
  • फीस की राशि
    • स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना आपकी प्रॉपर्टी की कुल कीमत पर की जाती है. आमतौर पर, स्टाम्प ड्यूटी प्रॉपर्टी की वैल्यू के 3-10% के बीच होती है. यह विभिन्न कारकों जैसे कि वह राज्य जहां ट्रांज़ैक्शन होता है, प्रॉपर्टी की स्थिति, घर खरीदने वाले की उम्र और लिंग आदि पर निर्भर करता है.
    • उदाहरण के लिए, आमतौर पर मुंबई में स्टाम्प ड्यूटी शुल्क, प्रॉपर्टी की कुल कीमत का 5% है. हालांकि, दिल्ली में अगर प्रॉपर्टी किसी पुरुष द्वारा खरीदी जाती है, तो स्टाम्प ड्यूटी लगभग 6% लगता है. अगर प्रॉपर्टी दिल्ली में किसी महिला द्वारा खरीदी जाती है, तो स्टाम्प ड्यूटी लगभग 4% है.
    • प्रॉपर्टी के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क कुल प्रॉपर्टी के वैल्यू का लगभग 1% है. इसके अलावा, पेस्टिंग शुल्क के रूप में भी ₹100 का भुगतान करना होता है.
  • शुल्क लेने के लिए कौन अधिकृत है?
    • स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने के लिए, आपको अपने घर के क्षेत्राधिकार के अनुसार सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस जाना होता है. आप अपने राज्य के पोर्टल पर जाकर इसका भुगतान ऑनलाइन भी कर सकते हैं.

स्टाम्पिंग कई तरीकों से की जाती है. इनमें पेपर-आधारित विधि, ई-स्टाम्पिंग या फ्रैंकिंग शामिल हैं.

  • पेपर-आधारित विधि, स्टाम्पिंग का सबसे पुराना तरीका है. इस तरीके के अनुसार, आप किसी भी आधिकारिक विक्रेता से स्टाम्प पेपर खरीद सकते हैं और अपने सेल एग्रीमेंट को प्रिंट करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं.
  • ई-स्टैम्पिंग गैर-न्यायिक स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने का एक सिक्‍योर, इलेक्ट्रॉनिक तरीका है. आप घर बैठे ही ऑनलाइन ई-स्टैम्पिंग कर सकते हैं. यह स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा अप्रूव्‍ड है. यह प्रोसेस पूरी तरह से ऑनलाइन है और धीमे पारंपरिक पेपर-आधारित तरीके की तुलना में इसमें केवल कुछ मिनट लगते हैं.
  • स्टैम्पिंग करवाने का तीसरा प्रोसेस फ्रैंकिंग के माध्यम से होता है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से जानेंगे.

जरुर पढ़ा होगा: अपनी होम लोन पात्रता को कैसे बेहतर बनाएं?

फ्रैंकिंग क्या है?

कानूनी प्रॉपर्टी पेपर्स पर स्टाम्प लगाने के प्रोसेस को फ्रैंकिंग कहते हैं. फ्रैंकिंग अधिकृत बैंकों द्वारा की जाती है जो या तो आपके डॉक्यूमेंट पर स्टाम्प लगाते हैं या उनके लिए एक मूल्यवर्ग संलग्न कर सकते हैं. फ्रैंकिंग अक्सर फ्रैंकिंग मशीन का उपयोग करके की जाती है. इस तरह का मशीन द्वारा बनाया गया स्टाम्प इस बात का प्रमाण है कि आपने अपनी स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान किया है.

जब बैंक आपके डॉक्यूमेंट पर यह अंकित कर दे कि स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान कर दिया गया है, तो आपको उन पर हस्ताक्षर करने होंगे. फ्रैंकिंग का एक वैकल्पिक तरीका प्रिंटेड स्टाम्प पेपर खरीदना है जिन्हें पहले से ही फ्रैंक किया जा चुका हो.

  • फीस का प्रकार
    • फ्रैंकिंग शुल्क आपके प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट पर स्टाम्पिंग करने के लिए भुगतान की जाने वाली फीस है. यह एक कन्फर्मेशन है कि आपकी स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान कर दिया गया है.
  • फीस की राशि
    • फ्रैंकिंग फीस प्रॉपर्टी के मूल्य का लगभग 0.1% या होम लोन की राशि का 0.1-0.2% होती है. यह एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग हो सकती है. कई मामलों में, इसे मुफ्त में भी किया जा सकता है. वैकल्पिक रूप से, आपके पास स्टाम्प ड्यूटी में ही फ्रैंकिंग शुल्क को शामिल करने का विकल्प भी होता है.
  • शुल्क लेने के लिए कौन अधिकृत है?
    • केवल अधिकृत बैंक या सरकार द्वारा अधिकृत एजेंट ही आधिकारिक फ्रैंकिंग कर सकते हैं.
    • फ्रैंकिंग केवल किसी भी बताए गए कार्य दिवस पर बैंक में सीमित घंटों के लिए की जाती है, इसलिए उसी के अनुसार अपनी विजिट प्लान करें.

निष्कर्ष

अंत में, एक प्रॉपर्टी खरीदार के रूप में, आपके पास फ्रैंकिंग या स्टैम्पिंग के बीच चुनने का विकल्प होता है. यहां अतिरिक्त पॉइंटर दिए गए हैं:

  • अगर आप होम लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो हमेशा अपने राज्य और लेंडर के आधार पर होम लोन पर स्टाम्प ड्यूटी, फ्रैंकिंग शुल्क, हाउस रजिस्ट्रेशन शुल्क आदि की जांच करें. इससे आप पहले से आवश्यक फंड बचा सकेंगे.
  • अगर आप फ्रैंकिंग का विकल्प चुन रहे हैं, तो सभी औपचारिकताओं को एक निश्चित समय तक पूरा करने की पूर्व-व्यवस्था करें ता‍कि परेशानियों से बच सकें.

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