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सिबिल स्कोर क्या है और यह कैसे काम करता है?

होम लोन की पात्रता का आकलन करते समय या किसी अन्य प्रकार का लोन लेते समय 'सिबिल स्कोर' या क्रेडिट स्कोर बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एप्लीकेंट को अपना स्कोर अवश्य चेक करना चाहिए और अपनी पात्रता, संभावित ब्याज दर को समझने के लिए व इनके अनुसार अपने लोन को प्लान करने के लिए यह देखना चाहिए कि उनका स्कोर एक निश्चित संख्या से ऊपर है या नहीं. जो लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं, उन्हें सिबिल स्कोर किसी महत्वपूर्ण प्रोफेशनल परीक्षा में प्राप्त अंकों के जैसा लगेगा. लेकिन वास्तविकता कुछ और है. वास्तव में, सिबिल स्कोर, एप्लीकेंट की क्रेडिट योग्यता का मूल्यांकन होता है.

तो, सिबिल स्कोर क्या है, यह कैसे काम करता है और जब होम लोन की बात आती है तो यह इतना महत्वपूर्ण क्यों हो जाता है? आइए हम निम्नलिखित ब्लॉग में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

सिबिल स्कोर क्या है?

सिबिल स्कोर तीन अंकों का एक नंबर है, जो एप्लीकेंट की क्रेडिट हिस्ट्री और परफॉर्मेंस को दर्शाता है. यह 300-900 के बीच होता है. उच्च स्कोर वाले एप्लीकेंट लोन देने वालों के लिए कम जोखिम वाले माने जाते हैं. इस तरह से, सिबिल स्कोर जितना अधिक होगा, एप्लीकेंट की क्रेडिट योग्यता उतनी ही अधिक होगी. इस प्रकार, यह अंतत: किसी भी लोन अनुरोध- यहां तक कि होम लोन के लिए भी पात्रता को बहुत बढ़ा देता है.

तीन अंकों के सिबिल स्कोर को बेहतर तरीके से समझने के लिए, पहले यह जानना ज़रूरी है कि सिबिल क्या है.

  • सिबिल का अर्थ है क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड - जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लाइसेंस प्राप्त एक क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है.
  • सिबिल भारत की सबसे पुरानी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है और यह अमेरिकी ट्रांसयूनियन मल्टीनेशनल ग्रुप का एक हिस्सा है.
  • मूल रूप से, सिबिल ने व्यक्तियों और बिज़नेस संस्थानों के लोन और क्रेडिट ट्रांज़ैक्शन के रिकॉर्ड को प्राप्त करने व उन्हें बनाए रखने के लिए बैंकों व फाइनेंशियल सर्विस प्रदाताओं के साथ साझेदारी की है.
  • इन क्रेडिट रिकॉर्ड्स को इकट्ठा करके, सिबिल उधारकर्ताओं के क्रेडिट परफॉर्मेंस का मूल्यांकन कर सकती है – क्या वे बहुत ज़्यादा लोन ले रहे हैं, क्या वे लोन पर डिफॉल्ट कर रहे हैं, आदि.
  • यह ट्रैक रिकॉर्ड सिबिल को हर किसी के लिए एक क्रेडिट रेटिंग प्रदान करने में सक्षम बनाता है ताकि भविष्य में जब भी वे किसी लोन के लिए अप्लाई करें, तो लेंडर यह आकलन कर सकें कि उस लोन को सैंक्शन करने में कितना जोखिम शामिल है.
  • सिबिल के पास 600 मिलियन से अधिक कस्टमर और 32 मिलियन से अधिक बिज़नेस संस्थानों की क्रेडिट जानकारी है. देश में लेंडर सबसे ज़्यादा इसकी क्रेडिट रेटिंग को ही महत्व देते हैं.

अब यह जानने का समय आ गया है कि सिबिल स्कोर को कैसे रिकॉर्ड किया जाता है.

जरुर पढ़ा होगा: होम लोन के लिए कितना सिबिल स्कोर अच्छा होता है?

सिबिल रिपोर्ट क्या है?

सोच रहे हैं कि सिबिल द्वारा क्रेडिट जानकारी को स्टोर और रिकॉर्ड कैसे किया जाता है?? यह कार्य एक सिबिल रिपोर्ट के माध्यम से किया जाता है.

  • सिबिल रिपोर्ट या क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट किसी व्यक्ति या बिज़नेस के सभी क्रेडिट ट्रांज़ैक्शन का रिकॉर्ड होती है
  • इसमें पिछले और मौजूदा लोन, पुनर्भुगतान और उधार लेने का इतिहास, क्रेडिट कार्ड पर कोई भी बकाया, डिफॉल्ट भुगतान, ईएमआई ट्रांज़ैक्शन आदि जैसी जानकारी शामिल होती है.
  • इसके अलावा, एक सिबिल रिपोर्ट व्यक्ति की रोज़गार प्रोफाइल तथा व्यक्ति द्वारा लोन के बारे में की गई पूछताछ के सभी मामलों की जानकारी को भी संकलित करती है. इससे लेंडर को किसी एप्लीकेंट की रिपोर्ट चेक करते समय उसकी फाइनेंशियल प्रोफाइल के बारे में समग्र जानकारी प्राप्त होती है.
  • व्यक्ति सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट से अपनी सिबिल रिपोर्ट आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं और उसे चेक कर सकते हैं. लेंडर भी मामूली फीस लेकर अपनी ऐप और वेबसाइट के माध्यम से यह सुविधा प्रदान करते हैं.

इस प्रकार, सिबिल रिपोर्ट लेंडर द्वारा चेक किए जाने वाले आवश्यक डॉक्यूमेंट में से एक है.

सिबिल स्कोर कैसे काम करता है?

सिबिल स्कोर के अर्थ पर चर्चा करने के बाद, अब समय है यह समझने का कि इसकी गणना कैसे की जाती है और यह कैसे काम करता है.

सिबिल स्कोर फिक्स नहीं होता है. यह व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री और परफॉर्मेंस के आधार पर निरंतर घटते-बढ़ते रहता है. यहां चार कारक दिए गए हैं, जो इसे प्रभावित करते हैं:

  1. भुगतान का इतिहास – अगर कोई व्यक्ति समय पर लोन और ईएमआई का भुगतान करने में विफल रहता है या उनके भुगतान में लगातार चूक करता है, तो सिबिल स्कोर कम हो जाता है.
  2. क्रेडिट मिक्स – अगर एप्लीकेंट ने संतुलित अनुपात में सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों तरह के लोन ले रखे हैं, तो सिबिल स्कोर पॉजिटिव रहेगा. यहां, सिक्योर्ड लोन का मतलब है होम लोन, कार लोन जैसे लोन, जबकि अनसिक्योर्ड लोन का मतलब है क्रेडिट कार्ड बिल, पर्सनल लोन आदि.
  3. लोन की पूछताछ – रिपोर्ट में कई क्रेडिट या लोन रिजेक्शन होने से स्कोर कम हो सकता है. इसी प्रकार, अगर व्यक्ति ने हाल ही में कई लोन लिए हैं, तो उनका क़र्ज़ भार बढ़ जाएगा, और इस प्रकार उनकी क्रेडिट रेटिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और भविष्य में लेंडर उन्हें लोन देने से पहले बहुत सोच-विचार करेंगे.
  4. क्रेडिट का उपयोग – क्रेडिट कार्ड बैलेंस का उपयोग जितना अधिक होगा, कार्ड धारक उतने ही अधिक क़र्ज़ में होगा, जिससे उसका सिबिल स्कोर नकारात्मक तरीके से प्रभावित होगा.

प्रत्येक माह इन सभी मापदंडों का मूल्यांकन करके, सिबिल द्वारा प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक अपडेटेड स्कोर तैयार किया जाता है. इसलिए, जब भी कोई व्यक्ति अगले लोन के लिए अप्लाई करेगा, तो लेंडर उसकी फाइनेंशियल विश्वसनीयता का पता लगाने के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस के दौरान उसके लेटेस्ट सिबिल स्कोर और रिपोर्ट को चेक करेगा. अगर वे लोन के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करते हैं, तो उनका लोन आसानी से सैंक्शन हो जाएगा. अन्यथा, एप्लीकेशन को अस्वीकार कर दिया जाएगा या ब्याज दर बढ़ जाएगी.

सिबिल स्कोर का महत्व - यह क्यों महत्वपूर्ण है?

  • सिबिल स्कोर एक व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता का प्रमाण होता है और लोन एप्लीकेशन प्रोसेस में एक महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड होता है.
  • सिबिल स्कोर जितना बेहतर होगा, एप्लीकेंट के लोन अप्रूवल की संभावना उतनी ही अधिक होगी. उच्च सिबिल स्कोर से लोन की सर्वश्रेष्ठ शर्तें प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी.
  • कम सिबिल स्कोर भविष्य में किसी भी लोन का लाभ उठाने की संभावनाओं को कम कर सकता है.

सर्वश्रेष्ठ सिबिल स्कोर क्या है?

हम एक अच्छा सिबिल स्कोर होने के महत्व को जान चुके हैं. लेकिन सर्वश्रेष्ठ सिबिल स्कोर क्या है?

किसी निश्चित लोन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आदर्श सिबिल स्कोर प्रत्येक लेंडर के लिए अलग-अलग हो सकता है. होम लोन के लिए, 700 या 750 से अधिक का सिबिल स्कोर होना आदर्श है. निश्चित रूप से, सिबिल स्कोर जितना अधिक होगा, एप्लीकेंट को होम लोन की उतनी ही बेहतर शर्तें मिलेंगी - जिनमें कम होम लोन ब्याज दरें शामिल हैं. आमतौर पर, सभी लेंडर के पास विभिन्न सिबिल स्कोर रेंज के लिए ब्याज दरों के विभिन्न स्लैब होते हैं.

फिर भी, सर्वश्रेष्ठ होम लोन ऑफर का लाभ उठाने, पात्रता से संबंधित शून्य समस्याओं का सामना करने और लोन एप्लीकेशन पर तुरंत अप्रूवल और लोन का तुरंत सैंक्शन प्राप्त करने के लिए, 800 से अधिक का सिबिल स्कोर सबसे अच्छा होता है.

अवश्य पढ़ें: अपने सिबिल स्कोर में सुधार करके उसे 500 से 750 तक कैसे ले जाएं?

निष्कर्ष

अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना महत्वपूर्ण है. यहां इसे करने का तरीका बताया गया है:

  • भुगतान और ईएमआई पर कभी भी डिफॉल्ट न करें.
  • क्रेडिट बैलेंस और उधार को कम रखें.
  • अच्छा क्रेडिट मिक्स बनाए रखें.
  • कई लोन के लिए अप्लाई न करें या अत्यधिक क्रेडिट का लाभ न उठाएं.
  • नियमित रूप से स्कोर चेक करें और उसे बनाए रखें.
  • अस्वीकृति से बचने के लिए, अप्लाई करने से पहले अपने सिबिल स्कोर में सुधार करें.

पीएनबी हाउसिंग में, हमने क्रेडिट स्कोर मानदंडों को आसान बना दिया है ताकि हर कोई बिना किसी परेशानी के होम लोन का लाभ उठा सके. विभिन्न सिबिल स्कोर रेंज के लिए होम लोन ब्याज दर की पात्रता का आकलन करने के लिए इस लिंक को चेक करें.

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