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जॉइंट होम लोन क्या हैं? लोन अप्रूवल के लिए आवश्यक पात्रता और डॉक्यूमेंट

सारांश: महाराष्ट्र सरकार ने घर के खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए 2017 में महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (“महा रेरा या अथॉरिटी) की स्थापना की, जिसका मकसद रियल एस्टेट की बिक्री के दौरान बिल्डर्स से जुड़े विवादों से घर के खरीदारों की सुरक्षा करना था. इसकी स्थापना के पीछे यह मकसद भी था कि रियल एस्टेट के ट्रांज़ैक्शन को नियमित करने के लिए नियम बनाए जाएं, इसमें कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन और बिक्री, विवादों का तुरंत समाधान, प्रोजेक्ट में होने वाली प्रगति की देखरेख करना, प्रमोटर्स पर लगाए जाने वाले आवश्यक दायित्वों के अनुपालन को सुनिश्चित करना शामिल हैं, लेकिन केवल इन्हीं तक सीमित नहीं है.

महाराष्ट्र सरकार ने रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016 की अधिसूचना के अनुसरण में वर्ष 2017 में महारेरा की स्थापना की थी. इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य जनता/ घर खरीदने वाले लोगों के हितों को सुरक्षित करना और राज्य के रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित करना व विनियमित करना था. यह प्राधिकरण रियल एस्टेट ट्रांज़ैक्शन के हर चरण में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करके खरीदारों को लाभ प्रदान करता है और प्रमोटरों/बिल्डरों के कमर्शियल/रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को रजिस्टर करके व खरीदारों को उनके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करके प्रमोटरों/बिल्डरों की सहायता भी करता है क्योंकि ऐसा करने से उन्हें खरीदारों का विश्वास प्राप्त होता है और रियल एस्टेट बिज़नेस को बढ़ावा मिलता है.

महाराष्ट्र में होम लोन लेने से पहले महारेरा के बारे में जानना महत्वपूर्ण है. महारेरा की भूमिका को समझना कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसमें कुछ जटिलताएं शामिल हैं और आम लोगों को इसके कामकाज की अधिक जानकारी नहीं है. केवल नाम पढ़ने से यह एक्ट व्यापक रूप से आम लोगों को पेचीदा और भ्रमित कर सकता है. इसलिए उपरोक्त समस्याओं के समाधान के लिए, इस आर्टिकल के अगले पैराग्राफ में इन बातों की जानकारी बेहतर तरीके से दी गई है. एक्ट से परिचित हो के बाद, संभावित खरीदारों को न केवल यह जानने में मदद मिलती है कि वे सही प्रॉपर्टी / प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट कर रहे हैं या नहीं, बल्कि उनको बिल्डर से जुड़े विवादों से निपटने का मज़बूत निवारण तंत्र भी प्राप्त होता है.

इस क्विक गाइड में एक्ट, रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और अन्य विवरण दिए गए हैं, जो आपके लिए ज़रूरी हैं.

महाराष्ट्र में रेरा एक्ट क्या है?

रियल एस्टेट (रेग्युलेशन और डेवलपमेंट), 2016 (“रेरा एक्ट” या “एक्ट”) मुख्य रूप से सभी राज्यों में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी की स्थापना पर केंद्रित है. यह एक्ट राज्य में रियल एसेट के संचालन से संबंधित नियम निर्धारित करता है और कंज्यूमर /घर के खरीदारों के हितों की रक्षा करता है. इसमें प्रोजेक्ट और एजेंट्स के साथ रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्य, घर खरीदने वाले लोगों की शिकायतों का समाधान, प्रमोटर्स के लिए लागू दायित्वों का सख्ती से अनुपालन और अपेक्षित स्वीकृति प्राप्त करना व एक्ट में बताए गए अनुसार प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए क्लियरेंस पाना शामिल हैं. यहां ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि महाराष्ट्र पहला ऐसा भारतीय राज्य है, जिसने इस एक्ट को इसकी मूल भावना के साथ लागू किया और रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी की स्थापना की.

महारेरा के निर्माण का मुख्य उद्देश्य प्रॉपर्टी के स्वामित्व में परिवर्तन और रजिस्टर किए गए प्रोजेक्ट्स की देखरेख सहित, राज्य में प्रॉपर्टी से संबंधित वाले किसी भी तरह के ट्रांज़ैक्शन के बारे में सरकार और उचित को अधिकारियों सूचित करना है. इसका उद्देश्य आम लोगों के मन में रियल एस्टेट के प्रति विश्वास पैदा करना और संपूर्ण प्रकिया में पारदर्शिता लाना है, ताकि कि वे इसमें इन्वेस्ट कर सकें. इसके अलावा, महारेरा ऐसे प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाता है, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं. यह एक्ट खरीदार, विक्रेता, ब्रोकर, बिल्डर, एजेंट सहित रियल एस्टेट में शामिल सभी पार्टियों को लाभ पहुंचाता है.

जरुर पढ़ा होगा: रेरा एक्ट: रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के लिए एक बेहतरीन गाइड

महारेरा में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

महाराष्ट्र में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी / रियल एस्टेट प्रोजेक्ट खरीदते या इसकी डील करते समय बेहतर है कि आप रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को अच्छी तरह से जान लें:

  • महारेरा की आधिकारिक वेबसाइट https://maharerait.mahaonline.gov.in/ पर जाएं
  • 'नया रजिस्ट्रेशन' पर क्लिक करें’.
  • प्रमोटर, शिकायतकर्ता और रियल एस्टेट एजेंट के तीन विकल्पों में से कोई एक विकल्प चुनें.
  • आवश्यक जानकारी दर्ज करते हुए ज़रूरी डॉक्यूमेंट जमा करें, जैसे कि पैन कार्ड, आपका फोन नंबर और एड्रेस की जानकारी, पिछले प्रोजेक्ट्स की जानकारी, एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट इत्यादि.
  • रजिस्ट्रेशन संबंधी अन्य औपचारिकताएं पूरी करें.

महारेरा के लाभ

महारेरा रियल एस्टेट के ट्रांज़ैक्शन में शामिल सभी पार्टियों को कई लाभ प्रदान करता है. इसके कुछ लाभ नीचे दर्शाए गए हैं:

  • यह सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, जिसमें वे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है.
  • ट्रांजैक्‍शन में भाग लेने वाले सभी पक्षों को शामिल करता है और उन पक्षों के अधिकारों की सुरक्षा करता है.
  • ऑपरेशनल और फाइनेंशियल अनुशासन बनाए रखने के लिए नियम भी बनाता है
  • यह सुनिश्चित करता है कि विक्रेता खरीदार की आवश्यकताओं का पालन करें और एक निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर शिकायतों का समाधान करें.
  • रियल एस्टेट प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारी, जैसे प्रोजेक्ट का विवरण, रजिस्ट्रेशन जानकारी और स्टेटस और अन्‍य का समय पर एक्सेस प्रदान करता है.
  • कब्ज़ा मिलने में देरी, धोखाधड़ी वाली गतिविधियों और गलत कीमतों से खरीदारों को बचाता है.
  • मध्यस्थता के माध्यम से विवादों को सुलझाने के लिए खरीदारों और विक्रेताओं को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है.

महाराष्ट्र में रेरा एक्‍ट के नियम और विनियमन

रेरा के नियम और विनियम कई पृष्ठों में हैं, यहां महत्वपूर्ण प्रावधानों का एक व्यापक सार दिया गया है:

  • प्रत्येक रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए महारेरा के साथ रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है.
  • रियल एस्टेट डेवलपर्स पर अपनी चल रही परियोजनाओं के बारे में नियमित अपडेट जमा करने का दायित्व रहता है और यह प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्शाया जाता है.
  • सेल एग्रीमेंट के लिए स्‍टैंडर्ड फॉर्मेट जो सुनिश्चित करता है कि अतिरिक्त शुल्क और पेनल्‍टी से बचने के लिए संबंधित क्‍लॉज को शामिल किया जाए.
  • डेवलपर्स को प्रॉपर्टी बेचने के पांच वर्षों के भीतर आए किसी भी दोष को ठीक करना होगा.
  • घर खरीदने वालों को किसी भी सुपर-बिल्ट एरिया के बजाय केवल प्रोजेक्ट विवरण में उल्लिखित कार्पेट एरिया के लिए ही भुगतान करना होगा.
  • प्रमोटरों को सभी स्पष्ट प्रोजेक्‍ट टाइटल का खुलासा करना होगा.
  • अगर डेवलपर समय पर निर्माण पूरा नहीं कर पाते हैं और कब्ज़ा प्रदान नहीं करते हैं, तो घर खरीदने वाले व्यक्ति को भुगतान की गई राशि पर ब्याज पाने और पूरी राशि का रिफंड पाने का अधिकार होता है .
  • किसी चल रहे प्रोजेक्ट के प्लान में बदलाव करने से पहले, प्रमोटरों के लिए प्रत्येक सदस्य से अनुमति लेना आवश्यक है.
  • महारेरा एक्‍ट के अध्याय II में निहित प्रावधान के अनुसार एजेंटों को खुद को रजिस्टर करना होगा.
  • नामित प्राधिकारियों को घर खरीदारों द्वारा दर्ज की गई किसी भी शिकायत का समाधान 120 दिनों के भीतर करना होगा.

महारेरा के उद्देश्य

महारेरा का उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े निम्न समस्याओं को समझना और इनका समाधान प्रदान करना है:

  • किसी प्रोजेक्ट के पूरा किए जाने में काफी देरी हो जाना.
  • घर के खरीदारों को गलत जानकारी देना.
  • अन्य प्रोजेक्ट के लिए फंड की निकासी.
  • प्री-बुकिंग को आकर्षित करने के लिए भ्रामक ऑफर.
  • सेल एग्रीमेंट में कब्ज़े की तिथि का नहीं होना.
  • खरीदारों की सहमति के बिना प्रोजेक्ट प्लान में बदलाव.

जरुर पढ़ा होगा: इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80ईई – कंप्लीट गाइड

निष्कर्ष

महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी में डील करने के दौरान, महारेरा की भूमिका के बारे में जागरूकता आवश्यक हो जाती है. खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाने, विक्रेताओं की फाइनेंशियल सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रॉपर्टी का समय पर निर्माण सुनिश्चित करने के लिए रेरा एक्‍ट लागू किया गया था. उपरोक्त उद्देश्यों को प्रभावी बनाने के लिए, महारेरा की स्थापना 2017 में की गई थी. महारेरा न केवल रियल एस्टेट ट्रांज़ैक्शन को नियंत्रित करता है बल्कि घर खरीदारों को शिकायत निवारण तंत्र भी प्रदान करता है और निर्माणाधीन प्रोजेक्‍ट को समय-समय पर रिव्यू भी करता है.

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