चेयरमैन का स्टेटमेंट

हर मुश्किल से उबरने की क्षमता रखते हैं

सीएच. एस. एस. मल्लिकार्जुन राव

चेयरमैन

हर कंपनी की तरह पीएनबी हाउसिंग भी प्रतिकूल परिस्थितियों से अछूता नहीं रहा. दरअसल इस तरह की परिस्थितियां और प्रभाव किसी भी ऑर्गेनाइज़ेशन की बुनियादी मज़बूती को साबित करने के लिए एक आज़माइश की तरह होते हैं
आपकी कंपनी ने एफवाई2019-20 में एक बार फिर से साबित कर दिया कि हम हर चुनौती को पार करने की ताकत रखते हैं और आने वाली हर वस्तुस्थिति के अनुसार स्वयं को तेज़ी से ढालते हैं.

प्रिय शेयरधारक,

कंपनी का चेयरमैन होने के नाते, मुझे आपके सामने 31 मार्च, 2020 को समाप्त हुए फाइनेंशियल वर्ष के लिए पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (पीएनबी) की कंसोलिडेटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट और 32nd वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए बहुत खुशी महसूस हो रही है. कभी-कभार हम सबको ऐसी वैश्विक घटनाओं का सामना करना पड़ता है जहां ज़िंदगी कुछ पल ठहर जाने के बाद फिर से एक ‘नई सामान्य स्थिति’ में लौटती है.

पीएनबी हाउसिंग प्रतिकूलताओं के लिए कोई अजनबी नहीं है. वास्तव में, ऐसे पैमाने और प्रभाव की घटना किसी भी संगठन की मूलभूत शक्तियों का परीक्षण करने के लिए की जाती है. आपकी कंपनी ने एफवाई 2019-20 में एक बार फिर से प्रदर्शित की, चुनौतियों को रोकने और उभरती हुई वास्तविकताओं के साथ तुरंत अनुकूलन करने की क्षमता.

पीएनबी हाउसिंग के कर्मचारी देश भर में लगातार अपना सहयोग दे रहे हैं, ताकि इस अनिश्चित समय में घर खरीदने का सपना देखने वाले लोग अपना घर बना सकें. इस मुश्किल समय में हमने ज़रूरतमंद लोगों को उचित रूप से आर्थिक सुविधा प्रदान की और महामारी (कोविड-19) से बाहर निकलने में सहयोग दिया. आपकी कंपनी सक्रियता के साथ सरकार द्वारा समर्थित पहल जैसे कि लोन के पुनर्भुगतान पर मोराटोरियम, आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम 2.0, इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को कार्यान्वित कर रही है ; साथ ही विशेष रिफाइनेंस फैसिलिटी, टार्गेटेड लॉन्ग-टर्म रिपो ओरिएंटेशन, वर्किंग कैपिटल पर ब्याज के स्थगन की सुविधा इत्यादि में भागीदारी भी कर रही है.

आरबीआई ने टार्गेटेड रेपो ऑपरेशंस (टीएलटीआरओ) के ज़रिए सिस्टम में लिक्विडिटी डालने के लिए आवश्यक कदम उठाएं हैं, जिससे उपलब्ध लिक्विडिटी में बढ़ोत्तरी होगी. 17 अप्रैल, 2020 को ` 50,000 करोड़ के अतिरिक्त टीएलटीआरओ की घोषणा की गई और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) की सहायता के लिए ` 10,000 करोड़ की रिफाइनेंस फैसिलिटी एचएफसी को कुछ समय के लिए तत्काल लिक्विडिटी की आवश्यकता को पूरा करने में सहयोग देगी, विशेष रूप से वे जो किफायती हाउसिंग के क्षेत्र में परिचालन कर रहे हैं, जहां कलेक्शन पर ज़्यादा असर होने की संभावना दिख रही है.

अर्थव्यवस्था को फिर से उबारने के लिए मिलजुलकर सार्थक प्रयास करना

भारतीय अर्थव्यवस्था मुश्किल भरी चुनौतियों का सामना कर रही थी. जहां फाइनेंशियल वर्ष के समाप्त होने पर, कोविड -19 के दस्तक देने से पहले ही अर्थव्यवस्था में कमज़ोरी और सुस्ती देखी जा रही थी. इस रुझान को बदलने के लिए भारत सरकार ने कई उपाय अपनाए. आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी में कुछ राहत दी और महत्वपूर्ण कदम भी उठाए, ताकि विकास की दिशा को पर्याप्त ऊर्जा मिले. इसके अलावा, कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में कमी और दिवालियापन को दूर करने के लिए समाधान लागू किए. इससे उम्मीद हुई कि यह अर्थव्यवस्था के सेंटीमेंट्स में तेज़ी लाएगा.

हालांकि, जैसे ही अर्थव्यवस्था सुस्ती खत्म कर तेज़ी की ओर बढ़ रही थी, तभी कोविड-19 जैसी महामारी ने अर्थव्यवस्था को लड़खड़ा दिया. तमाम चीज़ों के बीच सरकार के लिए सबसे ज़रूरी था - मानव जीवन को बचाना. इसलिए सरकार ने कई चरणों के द्वारा देशभर में लॉकडाउन लगा दिया. जीवन आवश्यक चीज़ों को छोड़कर अर्थव्यवस्था से जुड़ी सारी गतिविधियां थम-सी गईं. इस दौरान अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर से गुज़रने लगी. और भारत ने 11 सालों में सबसे सुस्त बढ़त दर्ज की.

सरकार ने आरबीआई के साथ मिलकर इस प्रतिकूल असर को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया. इसके लिए सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाई गई और सभी बोर्डों की मुख्य पॉलिसी दरों को कम किया गया. इस तरह के उपायों ने आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में सकारात्मक ऊर्जा की तरह कार्य किया और इसने एफवाई2021-22 के लिए रिकवरी की रूपरेखा तैयार कर दी. हालांकि यह रिकवरी किस तरह से होगी इसका पूरा दारोमदार आने वाले महीनों के दौरान महामारी के प्रसार और वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर था.

हाउसिंग फाइनेंस अनदेखे क्षेत्रों में विशेष अवसर प्रदान करता है

हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र भी चुनौतियों का सामना कर रहा है. यहां मांग में कमी, एसेट क्वालिटी जैसी समस्या, फंडिंग की दिक्कत और सिक्योरिटाइज़ेशन के द्वारा पोर्टफोलियो सेल्स जैसी समस्याएं हैं. 31 दिसंबर, 2019 की समाप्ति के दौरान, समग्र रूप से एचएफसी और एनबीएफसी की ऑन-बुक हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो में 6% की खासी गिरावट देखी गई (पिछले वर्ष 14% की तुलना में). हालांकि, एचएफसी के एसेट बुक बढ़कर ` 1.74 लाख करोड़ हो गया, जोकि 16 महीनों की अवधि के दौरान, सितंबर 2018 के ` 8.28 लाख करोड़ से बढ़ते हुए जनवरी 2020 में `10. 02 लाख करोड़ तक पहुंच गया. इन एचएफसी का व्यक्तिगत होम लोन (आईएचएल) पोर्टफोलियो भी समान गति से बढ़ते हुए ` 6.13 लाख करोड़ तक पहुंच गया. सामूहिक रूप से हाउसिंग की मांग में तेज़ी बनी रही, जो यह दर्शाता है कि एनएचबी से प्राप्त लिक्विडिटी के सहयोग से इंडस्ट्री में और भी तेज़ी देखने मिलेगी.

माना जा रहा है कि एफवाई2020-21 की पहली छमाही में समग्र हाउसिंग की विकास की दिशा धीमी होगी, जबकि दूसरी छमाही में रिकवरी अर्थव्यवस्था के सुधार पर निर्भर होगी. साथ ही, माना जा रहा है कि एसेट क्वालिटी पर दबाव बढ़ेगा, जिसका असर हाउसिंग लोन, प्रॉपर्टी पर लोन और कंस्ट्रक्शन फाइनेंस जैसे सभी सेगमेंट पर देखने मिलेगा.

हाउसिंग सेक्टर के व्यापक रुझानों को देखते हुए मुझे यह लगता है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग घरों का महत्व समझ पाएंगे. साथ ही, वे इसे एक भौतिक एसेट मानेंगे और घर खरीदना एक भविष्य में सेविंग की तरह देखा जाएगा. विस्तृत रूप से देखें, तो आने वाले समय में पहली बार घर खरीदने वालों की उम्र में एक परिवर्तन देखने मिलेगा. अब ज़्यादा से ज़्यादा युवा मार्केट का रुख कर रहे हैं. ये वही लोग हैं जो आज से पहले किराए के घरों में रहना पसंद करते थे. इसके अलावा, आने वाले समय में हमें नए लॉन्च कम ही देखने मिलेंगे, क्योंकि डेवलपर्स पहले उन इन्वेंट्री को पूरा करेंगे जो अभी अंडर-कंस्ट्रक्शन हैं, ताकि कैश फ्लो बचाया जा सके और उनकी क्रेडिट-योग्यता बनी रहे. अंत में, हम विशेष रूप से एक मानव-संसाधन से भरपूर देश हैं. इसलिए ऑपरेशंस को फिर से पुनर्नियोजित किया जाएगा और समय के साथ सप्लाई चेन्स की दोबारा शुरुआत होगी और श्रमिकों को फिर स्थानांतरित करवाने जैसे विषयों पर काम किया जाएगा.

मार्केट के बदलते डायनेमिक्स साथ समझदारी से स्वयं को इसके अनुकूल बनाएंगे

पीएनबी हाउसिंग एक ऐसी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है जो भारत के हाउसिंग लोन मार्केट में शामिल है. आपकी कंपनी नए परिचालन परिवेश में मौजूद जोखिम और अवसरों को विस्तृत रूप से समझती है और विवेकपूर्ण कार्यनीतियों और दूरदर्शिता के ज़रिए उभरते हुए परिचालन परिदृश्य का सामना करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है. पीएनबी हाउसिंग भारत की मिश्रित अर्थव्यवस्था को देखते हुए व्यापक रूप से अनदेखे क्षेत्रों में अवसर तलाशने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

आपकी कंपनी अपने कस्टमर्स को बेहतरीन सर्विस प्रदान करने के लिए हर तरह से प्रतिबद्ध है. डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग, लागत में कमी और बेहतरीन कार्यक्षमता पीएनबी हाउसिंग को आर्थिक चक्रों के दौरान ज़बरदस्त कार्य-प्रदर्शन की सुविधा प्रदान करते हैं. डिस्बर्समेंट सहित कर्मचारी की सुरक्षा और मनोबल, लिक्विडिटी व कस्टमर सर्विस हमारे लिए सर्वोपरि हैं. तुलनात्मक रूप से, जोखिम-मुक्त पूंजी सक्षम रिटेल सेगमेंट का रुख करने और अंडरराइटिंग व लेंडिंग के लिए सुरक्षित नज़रिया अपनाने से अस्थिरता में कमी आएगी और अनिश्चित वृहद परिवेश की स्थिरता में वृद्धि होगी.

अपनी बात खत्म करने से पहले, मैं बोर्ड के सभी सदस्यों के प्रति आभार प्रकट करना चाहूंगा, विशेष रूप से पीएनबी हाउसिंग की लीडरशिप टीम और कर्मचारियों का, जिन्होंने कंपनी के प्रति हरदम दृढ़ निश्चय प्रतिबद्धता दर्शायी. मौजूदा परिस्थितियों के दौरान यह एक बड़ी उपलब्धि है. इसके अलावा, मैं आरबीआई, एनएचबी, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) और स्टॉक एक्सचेंज के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहूंगा, जिन्होंने इस मुश्किल भरे वक्त में हमें लगातार सहयोग दिया.

और अंत में, मैं उन सभी शेयरहोल्डर्स को भी धन्यवाद कहना चाहूंगा, जिन्होंने हम पर विश्वास किया, अपना आत्मविश्वास बनाए रखा और निरंतर हमें सहयोग दिया. यह आप सभी की सहयोगिता है जिसके कारण हम निडर होकर साहसिक निर्णय ले सके और बिज़नेस के दीर्घकालीन हितों पर ध्यान केंद्रित कर सके.

धन्यवाद,

सीएच. एस. एस. मल्लिकार्जुन राव

चेयरमैन