ऑपरेटिंग एनवायरमेंट

मज़बूत मार्केट अवसर

कोविड-19 महामारी के दौरान फाइनेंशियल सेक्टर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जैसे कि यात्रा और सेंट्रलाइज्ड मार्केट से फंड कलेक्शन पर मनाही लग गई. हालांकि, उभरते हुए मार्केट में अवसरों को पहचानते हुए हमने इसमें पूंजी लगाई. और इस तरह से हमने अपनी कंपनी के लिए शानदार फाइनेंशियल परफॉर्मेंस दर्ज किया.

निम्न मॉरगेज पेनेट्रेशन

अन्य देशों की तुलना में भारत में मॉरगेज पेनेट्रेशन की दर बहुत कम है, एफवाई23 में इसने जीडीपी के केवल 10.5% का योगदान दिया. हालांकि, लंबी अवधि में रियल एस्टेट मार्केट में विकास होने की उम्मीद की जा रही है, जिससे कि हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में तेज़ी आएगी. कई कारकों के परिणामस्वरूप, जैसे कि मध्यम वर्ग के विकास, डिस्पोजेबल इनकम में वृद्धि और शहरीकरण के कारण भारत में भविष्य में होम लोन मार्केट में 14% की बढ़त होने की उम्मीद है.

भारत में किफायती घरों की बढ़ती मांग

एफवाई23 में भारत ने हाउसिंग के क्षेत्र में 100 मिलियन यूनिट की खासी कमी महसूस की, जिसके कारण कई प्रभावी पॉलिसियों की शुरुआत करनी पड़ी, जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम, सभी के लिए घर और रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क. इसके ज़रिए सरकार ने देश में हाउसिंग की कमी को पूरा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. 2023-24 के बजट में हाउसिंग सेगमेंट में उल्लेखनीय रूप से तेज़ी देखी गई. इसका आवंटन बढ़कर ` 79,000 करोड़ हो गया, जोकि पिछले साल की तुलना में 66% की बढ़त थी. फाइनेंस मिनिस्टर ने भी टैक्स स्ट्रक्चर में संशोधन करते हुए कामकाजी मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत प्रदान की. हाल के वर्षों में इस सेक्टर में तेज़ वृद्धि देखी गई है और उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भी यह तेज़ी बनी रहेगी.

खरीद संबंधी ज़रूरतों में बदलाव

कोविड-19 महामारी के कारण अनगिनत लोगों की ज़िंदगियां बदल गईं- जो पहले किराए के घर में रहते थे, महामारी के बाद वे अपनी परिस्थितियों को लेकर अधिक सचेत हो गए और परिवार की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि हो गई. इसके अलावा, कोविड के बाद ज़्यादा से ज़्यादा लोग घरों से काम करने लगे इसलिए उन्हें बड़ी जगह की ज़रूरत महसूस होने लगी. वे महसूस करने लगे कि अपने लिए प्राइवेट जगह का क्या महत्व रखता है, यह कारक रियल एस्टेट की मार्केट वृद्धि में योगदान करने लगा. इसके अलावा, यह भी देखने में आया कि लोग घर को अतिरिक्त इनकम के रूप में देख रहे हैं और उन्होंने घर खरीदना शुरू कर दिया है. सरकार द्वारा जारी किफायती हाउसिंग स्कीम ने भी खरीद में बदलाव का काम किया, क्योंकि अब लोगों को मार्केट में किफायती दाम में घर मिलने लगे.

डिजिटलाइज़ेशन का प्रभाव

दिनों दिन डिजिटलाइज़ेशन का प्रसार जिस तरह से बढ़ रहा है, इससे अलग-अलग इंडस्ट्री में मौजूद ऑर्गेनाइज़ेशन ने डिजिटल टूल्स का उपयोग तेज़ी से करना शुरू कर दिया है. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) जिस तरह से इन एडवांस डिजिटल टूल्स का उपयोग कर रही हैं, इससे कस्टमर को न केवल तेज़, बल्कि आसान सुविधाएं पल भर में प्राप्त हो रही हैं. इसके अलावा, एडवांस एनालिटिक्स, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कस्टमर स्क्रीनिंग प्रोसेस को तेज़ कर दिया है जिससे कि समय-अंतराल बहुत ही कम हो गया है. ये टूल्स लागत को कम करते हुए क्रेडिट प्रोफाइलिंग को सुधारने, कलेक्शन करने और रिकवरी प्रोसेस में ऑर्गेनाइज़ेशन की मदद भी करते हैं.

हमारी प्रतिक्रिया

बाहरी परिवेश को गहराई से समझते हुए, हमने मौजूदा मार्केट अवसरों को पहचानते हुए इसमें पूंजी लगाने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं.

  • Efforts have been focused on accelerating growth through the retail segment. Further, we are expanding our presence in the retail segment through the establishment of affordable housing branches in tier II and III cities.
  • We have improved our underwriting process and streamlined our collection efficiencies by implementing digital tools to enhance our operational efficiency.
  • Furthermore, we have enhanced the capabilities of ACE – our digital onboarding platform for customers.
  • Focus on increasing collection efforts to reduce the Gross NPA
  • Realignment of our teams and processes to achieve our goal of growth on loan assets with a focus on the retail segment, growth in the affordable segment and asset quality improvement.