कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व

समाज को मिल-जुलकर
मज़बूत बनाना

हमारा लक्ष्य वंचित समुदायों तक पहुंचना और उन्हें ऐसे प्रोजेक्ट डिलीवर करना है, जो उनकी बेहतरी और बढ़ोत्तरी के लिए उपयुक्त समाधान प्रदान करते हैं, ताकि अधिकतम लोग इससे लाभान्वित हो पाएं. सीएसआर के तहत पहल फाउंडेशन, इस दिशा में सीएसआर प्रोग्राम को कार्यान्वित करने के साथ इसे मज़बूत भी बनाता है. यह हमारे निरंतर प्रयासों को दर्शाता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हम समाज के वंचित वर्गों के हित और विकास के लिए सतत कार्य कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है.

हमारी सीएसआर कार्यनीति

हमारी कंपनी का दृढ़ विश्वास है कि बिज़नेस समाज के हित के लिए होने चाहिए. इसलिए हम अपने स्टेकहोल्डर को कस्टमर और एसोसिएट्स से कहीं बढ़कर देखते हैं ; इनमें ऐसे समुदाय शामिल होते हैं जो समाजिक और मैनुअल संसाधनों में निवेश करते हैं.

`11.39 करोड़

एफवाई 23 में सीएसआर खर्च

`6.41 करोड़

चालू प्रोजेक्ट के लिए नियोजित और आवंटित

सीएसआर पहल के ज़रिए अपने बिज़नेस के दीर्घकालीन सफलता में सहयोग देने साथ, हमारा लक्ष्य समाज व पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालना भी है. अपने स्टेकहोल्डर्स को अपने लक्ष्य में शामिल करते हुए हम सभी के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने की उम्मीद कर रहे हैं.

महिला सशक्तीकरण

हमारी महिला सशक्तिकरण पहल महिलाओं की इनकम में वृद्धि करने, फाइनेंशियल स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने, उनमें आत्मविश्वास जगाने के साथ वंचित समुदाय से आने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य व हाइजीन जैसी समस्याओं के प्रति उन्हें जागरूक बनाने का कार्य करती है. सभी को समान अवसर प्रदान किए जाएं, इसके लिए हम एक समावेशी समाज का निर्माण करते हैं, क्योंकि हमारा मानना है कि भविष्य में सामूहिक रूप से आगे बढ़ने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना एक स्मार्ट इन्वेस्टमेंट है.

एफवाई23 में प्रभावशाली पहल

नैपकिन मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना

आसपास के गांवों की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हमने लखनऊ और गुजरात के वलसाड़ में दो यूनिट स्थापित किए हैं. ये महिलाएं ‘संगिनी’ के नाम से पहचानी जाती हैं. ये नैपकिन के प्रोडक्शन, पैकेजिंग और बिक्री का काम करती हैं. साथ ही साथ, ये महिलाएं अपने समुदायों में महावारी के दौरान जागरूकता पैदा करने के लिए सत्र का आयोजन करती हैं. इस पहल के ज़रिए हम ग्रामीण महिलाओं को उन स्वास्थ्य संबंधी खतरों के प्रति जागरूक करते हैं जिनका सामना वे आए दिन करती हैं.

64

ग्रामीण महिलाएं एफवाई23 में प्रोडक्शन, पैकेजिंग और बिक्री से जुड़ीं

200

गांवों को एफवाई24 में ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचने के लिए लक्ष्य बनाया गया

मसाले और अचार के प्रोडक्शन यूनिट्स की स्थापना की गई

मसाले और अचार के प्रोडक्शन में महिलाओं को रोज़गार देने के लिए हमने तीन यूनिट स्थापित किए. ये महिलाएं स्व-सहायता समूह के रूप में संचालन करती हैं और बिज़नेस के विस्तार के लिए लाभ का उपयोग करती हैं व अन्य सदस्यों के बीच इन्हें वितरित करती हैं.

115

ग्रामीण महिलाएं
एफवाई23 में प्रोडक्शन, पैकेजिंग और बिक्री से जुड़ीं

जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास

हमारे प्रोजेक्ट का उद्देश्य कोविड की महामारी से प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना है. हमने कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री से आने वाली 150 महिलाओं के लिए न केवल जापान से सिलाई मशीनें आयात करवाईं, बल्कि उन्हें इन एडवांस मशीनों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया. इसके बाद इन महिलाओं ने फैशन इंडस्ट्री में रोज़गार प्राप्त किया, जहां उनकी औसत मासिक इनकम `10,000 रही.

150

कंस्ट्रक्शन से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया
कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया

कौशल विकास

हमने राजस्थान के 7 केंद्रों में 120 ग्रामीण महिलाओं को 6 महीने तक का प्रशिक्षण दिया, ताकि उनमें बुनाई कौशल विकसित की जा सके. वे कालीन बना पाएं इसके लिए हमने लूम्स की सहायता दी. इसकी मदद से वे अब न केवल कालीन बेच पा रही हैं, बल्कि लाभ भी कमा रही हैं. हमने 4 व्यवसायिक केंद्र स्थापित करके बधिर महिलाओं के लिए एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की, जिसमें मिक्सर ग्राइंडर की मरम्मत, एलइडी की मरम्मत, मोबाइल की मरम्मत और बिजली से जुड़े काम शामिल हैं. इस पहल के ज़रिए महिलाओं ने विशेष कौशल विकसित किया, जिससे कि उन्हें फाइनेंशियल स्वतंत्रता पाने में मदद मिली.

120

ग्रामीण महिलाओं ने
बुनाई कौशल सीखा

पालना घर की स्थापना की

हमने भुवनेश्वर ओडिशा स्थित, एलवी प्रसाद आई हॉस्पिटल में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के बच्चों (10 वर्ष तक के बच्चों के लिए) को सहायता प्रदान करने की योजना बनाई. इस पहल के कारण महिलाएं खुद को सशक्त महसूस करने लगीं, क्योंकि अब वे काम और परिवार के बीच किसी एक को चुनने की चिंता से मुक्त हो गईं. इस पहल के बाद कुछ महिला कर्मचारी काम पर वापस आ रही हैं, जिन्होंने पहले काम छोड़ दिया था.

स्वास्थ्य एवं जन-कल्याण

स्वास्थ्य एवं जन-कल्याण यह हमारा बुनियादी सिद्धांत है. हमारे प्रोजेक्ट का लक्ष्य लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, एडवांस हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और खुशहाल जीवन प्रदान करना है. हम दीर्घकालिक समाधान निर्मित व कार्यान्वित करने प्रति प्रतिबद्ध हैं, ताकि सभी को एक स्वस्थ जीवन प्राप्त हो.

एफवाई23 में प्रभावशाली पहल

प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) का कायापलट करना

हमने एडवांस मेडिकल और लैब इक्विपमेंट के ज़रिए इन केंद्रों को बेहतर स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित किया. नवीनीकरण की इस प्रक्रिया में अत्याधुनिक लैबोरेटरीज़ और टेस्टिंग मशीनें शामिल हैं.

2

सीएचसी का कायापलट किया गया

4 मोबाइल मेडिकल क्लीनिक तैयार करने की योजना बनाई गई

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों में मोबाइल मेडिकल क्लीनिक स्थापित किए गए, ताकि आसपास की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को उनके कामकाज के स्थान पर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कराई जा सकें. इस पहल का उद्देश्य उन वर्कर्स को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या करवाना है जो नियमित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच नहीं पाते हैं.

स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच की बेहतर सुविधा प्रदान की गई

हमने बसों की सुविधा मुहैय्या करवाई है, ताकि ऐसे मरीज़ों को स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हो जो ग्रामीण क्षेत्रों के दूर-दराज वाले इलाकों से आते हैं और उनके यहां स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या सीमित है. इससे वे आसानी से नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच जाएंगे और उन्हें जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी.

बधिर बच्चों को सहायता प्रदान किया गया

हमने बधिर बच्चों को श्रवण यंत्र की सहायता प्रदान की. इसके ज़रिए वे अब बातचीत करना सीख रहे हैं और उन्होंने अब बोलना भी सीख लिया है.

250

श्रवण यंत्रों का वितरण किया गया

शिक्षा

हमने बहुत ही ध्यान से ऐसे शैक्षणिक प्रोजेक्ट्स का चयन किया जो विद्यार्थियों के अध्ययन-अनुभव और भविष्य को बेहतर बनाते हैं. इसके लिए हमने शिक्षा में टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है, इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार किए हैं, स्कॉलरशिप पेश किए हैं और शिक्षा सामग्री मुहैय्या करवाई है.

एफवाई23 में प्रभावशाली पहल

  • Upgradation of 4 Anganwadis is complete, and work is in progress in 5 others, with better infrastructure, educational materials, play areas, and toys, resulting in increased daily attendance of children.
  • Transformation of 1 school with infrastructure development, informative wall art, innovative play areas, Swachhata Vahini toilets, and exclusive dining areas, attracting more admissions from nearby villages.
  • Installation of solar panels in 24 govt. schools in rural villages with electricity connection but frequent load shedding, reducing absenteeism and inconvenience to students during summers.
  • Installation of e-learning infrastructure in 44 govt. schools, providing audio-visual aids for learning and online interactive classes to 4500 students every day.
  • Initiation of a scholarship project for 400 underprivileged students panIndia to support and motivate them to complete their studies.
  • Support for a school bus for transportation of students from several tribal villages in rural locations of Jharkhand, providing equal educational opportunity to students with no access to transportation.
  • Support for STEM learning in 20 schools through practical activities, workshops, hands-on practice, and experiential fun learning, enhancing innovative skills and problemsolving abilities.

वातावरण

समाज का ज़िम्मेदार सदस्य होने के नाते हमने पर्यावरण को हरा-भरा बनाने का निर्णय लिया और इसके लिए हमने रीचार्ज, रिसाइकलिंग और प्राकृतिक संसाधनों के व्यवस्थापन पर ध्यान केंद्रित किया. हमारा लक्ष्य कचरे के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करना और लोगों के लिए पीने के शुद्ध पानी की व्यवस्था करना है.

एफवाई23 में प्रभावशाली पहल

आरओ प्लांट स्थापित किए गए

उन क्षेत्रों में एक घंटे के भीतर 1,000 लीटर पानी की क्षमता वाले तीन आरओ प्लांट लगाए गए, जहां पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता या शुद्ध पानी मिल पाना एक गंभीर समस्या थी.

75,000

लोगों को 3 आरओ प्लांट से भरपूर लाभ प्राप्त होगा

तालाब का विकास

दो तालाबों को विकसित करने का काम शुरुआती स्तर से किया गया. इसका लाभ उन्हें कृषि, बागवानी और पशुओं के लिए पानी की उपलब्ध कराने में होगा, इससे भविष्य में ग्रामीणों की इनकम में वृद्धि भी होगी.

27.22मिलियन लीटर

वार्षिक रूप से उपलब्ध पानी की क्षमता

1,606

ग्रामीणों को लाभ प्राप्त हुआ

पीने के लिए शुद्ध पानी की पहल

राजस्थान के दो गांव गोवला और माल की टूस में पानी की आपूर्ति के लिए घरों में वॉटर सप्लाई सिस्टम लगाए गए, ताकि लोगों को पीने के लिए साफ-सुथरा पानी मिले. अब ग्रामीणों को पाइपलाइन कनेक्शन के ज़रिए सीधे पानी मिल रहा रहा है और ऐसा उनके जीवन में पहली बार हो रहा है. सोलर वॉटर लिफ्टिंग सिस्टम के साथ ओवरहेड टैंक भी बना दिए गए हैं और एक जल समिति बनाई गई है, ताकि इस प्रणाली के अंतर्गत सुचारु रूप से कामकाज होता रहे.

944

ग्रामीणों को लाभ प्राप्त हुआ

प्लास्टिक के कचरे का पुनः उपयोग

प्लास्टिक के अपशिष्ट के निपटान के लिए सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक बोतल क्रशर को इंस्टॉल किए जाने का काम चल रहा है, ये ऐसे स्थान है जहां बड़ी मात्रा में प्लास्टिक के अपशिष्ट पाए जाते हैं. इस प्रोजेक्ट के ज़रिए हम आम लोगों को प्रेरित करते हैं कि वे इन प्लास्टिक की बोतलों को इन मशीनों में फेंक दें, ताकि यहां इनका निपटान हो सके और रिसाइकिल के लिए इन्हें रिसाइकल यूनिट भेजा जा सके. इस प्रोजेक्ट से ज़मीन पर फैलने वाला लाखों टन के प्लास्टिक का कचरा कम होगा और इन्हें सीधे रिसाइकलिंग के भेजा जा सकेगा.

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प्लास्टिक बोतल क्रशर
स्थापित किए जा रहे हैं