क्या आपको घर किराए पर लेना चाहिए या आपको घर खरीदना चाहिए?? क्या ईएमआई का भुगतान करना, किराया देने से बेहतर है?? इसका उत्तर बस एक 'हां' या 'ना' में नहीं दिया जा सकता’ ; यह बहस जारी रहेगी और दोनों ही दृष्टिकोणों के अपने तर्क हैं. निर्णय कई कारकों पर निर्भर करेगा, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. यहां दोनों विकल्पों पर गहराई से चर्चा की गई है, ताकि आप अपने लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प चुन सकें.
किराए पर लेना अच्छा क्यों है
- आवासीय घरों के किराए आमतौर पर घर के पूंजी मूल्य के 3% की सीमा में होते हैं. इसलिए, घर किराए पर लेना तुलनात्मक रूप से सस्ता होता है. लेकिन, यह तर्क रियल एस्टेट की कीमतों में होने वाली संभावित वृद्धि को अनदेखा करता है.
- मेंटेनेंस या रेनोवेशन का झंझट नहीं. इन कार्यों को करवाने की ज़िम्मेदारी घर के मालिक की होती है.
- बेहतर गतिशीलता. देश और विदेश दोनों में उपलब्ध रोज़गार के अवसरों और अन्य संबंधित कारणों से, घर किराए पर लेना बेहतर विकल्प है क्योंकि आप घर को पीछे छोड़ने या बेचने की चिंता किए बिना किसी भी नए स्थान पर आसानी से जा सकते हैं.
- एचआरए पर टैक्स छूट. जब आप वास्तव में किराए का भुगतान करते हैं, तो आपको अपने नियोक्ता से प्राप्त होने वाले हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) पर छूट मिलती है. ऐसा नहीं होने पर, पूरा एचआरए टैक्स योग्य हो जाता है.
खरीदना अच्छा क्यों है
- मन की शांति - कोई मकान मालिक नहीं, कोई लीज़ एग्रीमेंट नहीं, किराए को लेकर मोलभाव नहीं, हर कुछ साल में घर ढूंढने की परेशानी नहीं. जब आपके सिर पर मौजूद छत आपकी अपनी होती है, तो यह आपके जीवन की कई परेशानियों को दूर कर देती है और आप एक आरामदायक जीवन जी पाते हैं.
- सुरक्षा और संतुष्टि - खुद का घर होने का गौरव अतुलनीय है. यह फाइनेंशियल उपलब्धि का एक संकेत है. भले ही जीवन में चीज़ें आपके अनुसार नहीं हो रही हों, तब भी आपके पास अपना खुद का एक निवास स्थान होगा, जो आपको आश्रय प्रदान करेगा.
- टैक्स लाभ - होम लोन का पुनर्भुगतान आपको टैक्स छूट प्रदान करता है, जिससे घर खरीदने की आपकी कुल लागत कम हो जाती है. दो प्रमुख होम लोन के टैक्स लाभ are:
- सेक्शन 80C: आपका होम लोन का पुनर्भुगतान प्रति वर्ष ₹1.50 लाख तक की कटौती के लिए पात्र हैं. इसका मतलब है कि आप अपनी टैक्स योग्य आय में से अपने होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान को इस राशि तक घटा सकते हैं और इस प्रकार टैक्स पर बचत कर सकते हैं.
- सेक्शन 24: इस सेक्शन की टैक्स छूट के लिए पात्र है आपके होम लोन की ब्याज़ भुगतान. खुद के रहने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घरों के लिए, आपकी टैक्स योग्य आय में से ₹2 लाख तक के ब्याज भुगतान को छूट के रूप में क्लेम किया जा सकता है. लेकिन अगर प्रॉपर्टी किराए पर दी गई है, तो टैक्स योग्य आय में से बिना किसी ऊपरी सीमा के पूरे ब्याज भुगतान को कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है और इस प्रकार आप टैक्स पर काफी बचत कर सकते हैं. यह लाभ देय ब्याज पर उपलब्ध है, भले ही वर्ष के दौरान उसका वास्तव में भुगतान नहीं किया गया हो.
- आपकी मेहनत की कमाई का बेहतर इस्तेमाल. किराए का भुगतान करने से आपको कोई टिकाऊ एसेट प्राप्त नहीं होता है. लेकिन, अगर इसी राशि का इस्तेमाल होम लोन ईएमआई के लिए किया जाए, तो धीरे-धीरे ही सही लेकिन सुनिश्चित रूप से आपको घर के रूप में एक एसेट प्राप्त होता है.
- बेहतर रिटर्न की संभावना. रियल एस्टेट एसेट्स का मूल्य आमतौर पर समय के साथ बढ़ता है और वे लंबे समय में सामान्यतः महंगाई को मात देने वाले रिटर्न प्रदान करते हैं. जब आप अपनी ईएमआई का भुगतान कर रहे होंगे, तब आपके घर का मूल्य बढ़ रहा होगा और इस प्रकार आपके धन में वृद्धि होगी.
एंड नोट:
घर किराए पर लेना या खरीदना बेहद व्यक्तिगत निर्णय है, जो आपकी फाइनेंशियल स्थिति और जीवन की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है. लेकिन रियल एस्टेट के लाभों और कीमतों में वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए, खुद का घर खरीदना आपके लिए लाभदायक हो सकता है. आखिरकार, आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि आपके जीवन में स्थायी शांति, सुरक्षा और उपलब्धि लाती है, न कि किराए के रूप में यूं ही बेकार जाती है.
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