आज के आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे कि पात्रता निर्धारित करते समय आपकी सेलरी के किस भाग पर विचार किया जाता है, आपकी पात्रता को कौन से कारक प्रभावित करते हैं, और हाउस लोन के लिए अप्लाई करना कितना आसान है.
हर किसी के जीवन में अहम पड़ावों में एक पड़ाव होता है खुद के लिए घर बनाना, इसलिए तो भारतीय संस्कृति में हमेशा घर बनाने पर ज़ोर दिया जाता है. जिस तरह से दिनों-दिन प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं, ऐसे में वेतनभोगियों को यह महसूस होता है कि वे इस लक्ष्य को तब हासिल कर पाएंगे, जब उनके पास पर्याप्त पैसे होंगे. यहीं पर होम लोन आपकी मदद करता है. यह आपके कम उम्र में घर का मालिक बनने के सपने को पूरा करता है. अब अगर आप यह सोच रहे हैं कि “₹40000 की सेलरी में मुझे कितना होम लोन प्राप्त होगा?” तो आपको यह ब्लॉग ज़रूर पढ़ें.
दो महत्वपूर्ण कारकों के आधार पर फाइनेंशियल संस्थान उधारकर्ता की पात्रता निर्धारित करते हैं –
- उधारकर्ता के भुगतान करने की क्षमता: भुगतान करने की क्षमता का निर्णय उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर के आधार पर किया जाता है. क्रेडिट स्कोर उधारकर्ता के वर्तमान फाइनेंशियल दायित्वों के साथ-साथ उनकी क्रेडिट हिस्ट्री भी दर्शाता है (क्रेडिट पुनर्भुगतान व्यवहार, क्रेडिट प्रकार, अवधि इत्यादि). फाइनेंशियल संस्थान उन व्यक्तियों को लोन देना पसंद करते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर अधिक होता है, जो यह दर्शाता है कि क्रेडिट का भुगतान करने में उनका रिकॉर्ड अच्छा है.
- उधारकर्ता की पुनर्भुगतान क्षमता: कभी-कभी सेलरी इन-हैंड, नेट या ग्रॉस के रूप में दर्शाई जाती है. यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि इनके बीच क्या अंतर है, क्योंकि फाइनेंशियल संस्थान आमतौर पर किसी भी व्यक्ति की इन-हैंड सेलरी देखते हैं, जिसके आधार पर वे निर्णय लेते हैं कि आप होम लोन प्राप्त करने योग्य हैं या नहीं. हर कंपनी में सेलरी स्ट्रक्चर अलग-अलग होते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें नीचे दिए गए कॉम्पोनेंट्स के आधार पर विभाजित किया जाता है:
- बेसिक सेलरी
- मेडिकल अलाउंस
- लीव ट्रैवल अलाउंस
- हाउस रेंट अलाउंस
सेलरी के सकल भाग में ऊपर दिए गए घटक शामिल होते हैं. लेकिन, आपकी कुल सकल सेलरी से कुछ अनिवार्य कटौतियां भी की जाती हैं, जैसे- ईपीएफ, प्रोफेशनल टैक्स, टीडीएस आदि. इसके बाद, एक कर्मचारी की नेट सेलरी, जिसे अक्सर उनकी इन-हैंड सेलरी कहते हैं, की गणना की जाती है. इस निवल आय (नेट इनकम) में से पर्सनल और घरेलू खर्चों (आमतौर पर 50%) को घटा कर यह निर्धारित किया जाता है कि आप हाउस लोन के लिए पात्र हैं या नहीं.
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मैं अधिकतम कितनी होम लोन राशि प्राप्त करने के लिए पात्र हूं?
होम लोन के लिए पात्र वेतनभोगी व्यक्ति, आसान होम लोन पात्रता कैलकुलेटर का उपयोग करके यह जान सकते हैं कि उनके लिए लोन की कितनी राशि उपलब्ध है.
अपनी होम लोन की पात्रता जानने के लिए, होम लोन पात्रता कैलकुलेटर का उपयोग करना सटीक तरीका है, जिसमें अलग-अलग मानदंडों और मासिक सेलरी पर विचार किया जाता है. उदाहरण के लिए, आप पीएनबी हाउसिंग होम लोन पात्रता कैलकुलेटर में अपनी मासिक इनकम यानी ₹40,000 दर्ज करें और नीचे दिए गए अनुसार अन्य विवरण दर्ज करें:
- ब्याज दर: 8.75%* प्रति वर्ष.
- अवधि: 20 वर्ष
- मौजूदा ईएमआई: ज़ीरो
अगर आपकी सेलरी ₹40,000 है, तो आपकी पुनर्भुगतान क्षमता ₹20,000 होगी (ऊपर बताए गए अनुसार इनकम का 50%).
कैलकुलेटर आपको यह दर्शाएगा कि आप लगभग ₹26 लाख की होम लोन राशि प्राप्त करने के लिए पात्र हैं.. इसके साथ ही, आप अपनी फाइनेंशियल ज़रूरतों और स्थिति के आधार पर उपरोक्त पैरामीटर को बदल भी सकते हैं, जिससे कि आपको होम लोन राशि का अत्यधिक सटीक अनुमान प्राप्त हो.
b>ध्यान दें: अगर परिवार में कमाई करने वाले सदस्यों की संख्या एक से ज़्यादा है, तो कमाई करने वाले सभी सदस्यों की मासिक इनकम को आप एकसाथ जोड़ सकते हैं, जिससे कि आप होम लोन राशि प्राप्त करने के लिए अधिक योग्य बन जाते हैं.
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होम लोन की पात्रता को प्रभावित करने वाले अन्य कारक
आपकी मासिक नेट इनकम के अलावा, ₹40000 की सेलरी के लिए अतिरिक्त कारक भी आपकी होम लोन राशि की पात्रता को प्रभावित करते हैं.. ये हैं:
- आयु: होम लोन 21 साल से लेकर 55 साल तक लोगों को दिया जाता है. हालांकि फाइनेंशियल संस्थान ऐसे लोगों को लोन देना पसंद करती है, जिनकी उम्र कम है. वो ऐसा इसलिए करती है, क्योंकि कम उम्र के लोगों के करियर की अवधि लंबी होती है और होम लोन के पुनर्भुगतान की संभावनाएं उनमें अधिक होती हैं. 50 की उम्र में होम लोन की अवधि कम होने के साथ इसकी राशि भी कम हो सकती है.
- व्यवसाय: जो लोग किसी प्रतिष्ठित कंपनी में काम करते हैं, उनको होम लोन मिलने की संभावना अधिक होती है. नौकरी से उनके ईएमआई का तुरंत भुगतान सुनिश्चित होता है. इसी तरह से, सभी मानदंडों को समान मानें, तो यह पता चलता है कि अगर आप किसी प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी करते हैं, तो आप होम लोन की बड़ी राशि प्राप्त करने के लिए पात्र हो जाते हैं.
- क्रेडिट स्कोर: आपकी पात्रता का मूल्यांकन करते समय, आपके पिछले लोन की पुनर्भुगतान हिस्ट्री बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. भले ही आप एक अच्छी ज़िंदगी गुज़ार रहे हों, लेकिन खराब क्रेडिट स्कोर होम लोन प्राप्त करने में बाधा डाल सकता है. फाइनेंशियल संस्थान यह चाहते हैं कि आपका क्रेडिट इंडेक्स 650 या इससे अधिक हो. 750+ का क्रेडिट स्कोर होम लोन पर कम होम लोन ब्याज दर पाने में आपकी मदद कर सकता है.
- मौजूदा लोन: जब भी होम लोन के लिए किसी भी व्यक्ति की पात्रता का मूल्यांकन किया जाता है, तो फाइनेंशियल संस्थान पर्सनल लोन, व्हीकल लोन, ड्यूरेबल कंज्यूमर लोन, क्रेडिट कार्ड इत्यादि पर विचार करते हैं. इससे उन्हें इस बात की गारंटी मिलती है कि उधारकर्ता कर्ज़ों से लदे हुए नहीं हैं और समय पर अपने ईएमआई का भुगतान करने की क्षमता रखते हैं.
- प्रॉपर्टी की वैल्यू: होम लोन के मामले में एसेट की स्थिति महत्वपूर्ण होती है. फाइनेंशियल संस्थान भावी खरीदार की प्रॉपर्टी का मूल्यांकन करने के लिए दो मुख्य कारकों का उपयोग करते हैं. आमतौर पर ये कार्य फाइनेंशियल संस्थानों के मान्यता प्राप्त इंडिपेंडेट वैल्यूअर या वकीलों द्वारा किए जाते हैं. होम लोन राशि के रूप में आप प्रॉपर्टी की वैल्यू का 90% तक प्राप्त कर सकते हैं.
- अवधि: आपके होम लोन का समय क्या है या आपने इसके लिए कितनी अवधि का चयन किया है, इस पर भी आपकी पात्रता निर्धारित की जाती है. अगर आप लंबी अवधि चुनते हैं, तो ईएमआई कम हो जाएगी, जिससे कि लोन राशि के लिए आपकी पात्रता बढ़ जाएगी.
निष्कर्ष
इससे पहले कि आप अपने लिए एक सुंदर घर ढूंढना शुरू करें, आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि आपकी इनकम के आधार पर आपको कितना होम लोन मिल सकता है. इससे आप जिस तरह का घर खरीदना चाहते हैं, उसके लिए फाइनेंशियल निर्णय लेने में आपको मदद मिलेगी. आप होम लोन की कितनी राशि प्राप्त करने के योग्य हैं, यह जानने के लिए आप होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर
उपरोक्त जानकारी को पढ़ने और समझने के बाद, आप बिना किसी संशय के यह जान पाएंगे कि कोई व्यक्ति अपने इनकम के आधार पर कितनी राशि का होम लोन प्राप्त कर सकते हैं. इसे जानते हुए आप अपने सपनों का घर खरीदने के लिए आवश्यक कदम उठा पाएंगे.